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काव्य : अपमानित हो रही गरीबी - उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट,बरेली


 काव्य : 

अपमानित हो रही गरीबी  


लाचारी की कसीं बेड़ियाॅं 

दायित्वों के पाॅंव में ।


सुख- वैभव की कटी पतंगें 

यहाॅं अभावी डोर से 

 गूॅंज रहा है लोभ गगन में

अपनेपन के छोर से


बेकारी है बनी समस्या 

आज हमारे गाॅंव में ।


उम्मीदों के महानगर में 

और बुरे हालात हैं

कष्ट- पीर की मिलीं शिलाऍं 

घातों पर आघात हैं


अपमानित हो रही गरीबी 

चमक -दमक की ठाॅंव में।


रिक्त उदर कर रहे बगावत

द्वंदों के टकराव हैं

राजभवन से मिलते आए 

जन-जन को नित घाव हैं


हार गए हैं अपना सब कुछ 

यहाॅं एक ही दाॅंव में।


उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट

'कुमुद निवास',बरेली

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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