काव्य :
प्रेरणा
प्रेरणा उत्साह है,उमंग है
मन की शक्ति का, नव रंग है
प्रेरणा, मन का उत्साह है
सार्थक करने की चाह है
प्रेरणा ,स्फूर्तियुक्त उत्तेजन है
कर जाता व्यक्ति ,नवसृजन है
प्रेरणा तन मन की, शक्ति है
आकांक्षा प्राप्ति की, भक्ति है
प्रेरणा निज प्राप्त किया, बल है
दुर्बल काया भी, हो जाती सबल है
प्रेरणा लक्ष्य प्राप्ति का, है साधन
ये सकारात्मक, करती है मन
महापुरुषों के कर्म से,ले प्रेरणा *ब्रज*
हम सकते निज जीवन , सफल बना
--डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल
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