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काव्य : पूर्णिकांश - राम वल्लभ गुप्त 'इंदौरी"


 काव्य : 

पूर्णिकांशP


बनवाए  जिन्होंने शीश महल

वे अब सड़क पर रहे हैं टहल

आम आदमी की दुआ में बल

कार बंगला नहीं अब हैं पैदल


कहते थे मुझे इस जन्म में 

मेरे हैं ऐसे महानतम करम       

 मुझे नहीं कोई हरा सकता

बेबस लाचार बंधा है बसता


झूठ नहीं बोलता है, आईना

जरा जुंबां को मैया संभालना 

नहीं तो पड़ता है पछताना

*कहें राम इंदौरी* गर्व न करना।


- राम वल्लभ गुप्त 'इंदौरी"

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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