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शिवरात्रि पर आयोजित हुई महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई की गोष्ठी


शिवरात्रि पर आयोजित हुई महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई की गोष्ठी 

 फरीदाबाद । महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई की मासिक गोष्ठी 26 फरवरी 2025 संस्थापक नरेश नाज़ के सान्निध्य में आभासी पटल पर आयोजित की गई। 

हरियाणा मकाम की संरक्षक डॉ उमा गर्ग मुख्य अतिथि तथा जींद इकाई की अध्यक्ष अनीता शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।शानदार संचालन इकाई की अध्यक्ष डॉ बबीता किरण द्वारा किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ इकाई की उपाध्यक्ष कविता अदलक्खा द्वारा सुमधुर सरस्वती वंदना से हुआ। कवित्रियों ने अपनी अपनी रचना के माध्यम से जीवन के सभी रंग गोष्ठी में प्रस्तुत किए।

मीनाक्षी कौशिक ने पुस्तकों की अनदेखी पर कहा

"किताबों का शहर कहीं पीछे छोड़ आए हैं, 

संग ज़माने के आगे बहुत तेज़ दौड़ आए हैं"

कविता अदलक्खा ने प्रेम को भक्ति है जोड़ते हुए कहा "मैंने किया प्रेम रस पान, सकल जग झूठा लागे"पुष्प की अभिलाषा को अपने शब्दों में पूनम रजा ने कुछ यूं कहा"मैं सुमन कर जोड़कर कर रही हूं प्रार्थना"रीता गुगलानी कहती हैं"भाल सुहाना राकेश, शंकर गंगाधारी ।"सीमा कौशिक 'मुक्त'ने शिवजी को स्मरण करते हुए कहा "शिव 'भव' 'नित्य' 'अनन्त' हैं , शिव सबकेआधारऔढ़र दानी दुःख हरो, जन जन का उद्धार " कुसुम सिंघल ने प्रथम पूज्य गणेश की अराधना की"जय गणपति जय सिद्धि विनायक ,वंदन है अभिनंदन है ।आन विराजो काव्य पटल पर,प्रथम पूज्य अभिनंदन है ।"मधु वशिष्ठ जी ने खामोशी को बोलने पर मजबूर कुछ यूं किया"यह खामोशी की आवाज भी कितना शोर मचाती है। कभी-कभी भयंकर शोर में भी खामोशी सी छा जाती है"

उमा गर्ग ने मोबाइल पर अपना क्रोध यूं जाहिर किया "चिठ्ठियों में लिखे मोती सहेज कर रखती थी, पल पल तेरी चिठ्ठी की प्रतीक्षा करती थी। "

अनीता शर्मा ने वह अजन्मा और स्वयंभू है

न आकाश, पाताल न भू है ,शीश पर ज्ञान की गंगा है।संग पथ प्रदर्शक चंदा है। "

प्रीता पवार ने श्रृंगार सुनाया "चलो न करते हैं कुछ बात यूँ ही,यूँ हीथाम लेतें हैं हाथों में हाथ यूँ ही,यूँ ही ।"

डॉ बबिता किरण कहती हैं

"खुद को गर जानना है, सामने आइना रख।" सभी रचनाकारों में एक दूसरे की रचनाओं को सुना तथा तालियां बजाकर प्रोत्साहित किया।

अंत में शीघ्र ही दुबारा मिलने का वादा करते हुए अध्यक्ष डॉ बबिता किरण ने सभी को धन्यवाद दिया। महिला काव्य मंच फरीदाबाद इकाई की मासिक गोष्ठी 26 फरवरी 2025 संस्थापक नरेश नाज़ के

सान्निध्य में आभासी पटल पर आयोजित की गई। 

हरियाणा मकाम की संरक्षक डॉ उमा गर्ग मुख्य अतिथि तथा जींद इकाई की अध्यक्ष अनीता शर्मा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।शानदार संचालन इकाई की अध्यक्ष डॉ बबीता किरण द्वारा किया गया। गोष्ठी का शुभारंभ इकाई की उपाध्यक्ष कविता अदलक्खा द्वारा सुमधुर सरस्वती वंदना से हुआ। कवित्रियों ने अपनी अपनी रचना के माध्यम से जीवन के सभी रंग गोष्ठी में प्रस्तुत किए।

मीनाक्षी कौशिक ने पुस्तकों की अनदेखी पर कहा

"किताबों का शहर कहीं पीछे छोड़ आए हैं, 

संग ज़माने के आगे बहुत तेज़ दौड़ आए हैं"

कविता अदलक्खा ने प्रेम को भक्ति है जोड़ते हुए कहा "मैंने किया प्रेम रस पान, सकल जग झूठा लागे"पुष्प की अभिलाषा को अपने शब्दों में पूनम रजा ने कुछ यूं कहा"मैं सुमन कर जोड़कर कर रही हूं प्रार्थना"रीता गुगलानी कहती हैं"भाल सुहाना राकेश, शंकर गंगाधारी ।"सीमा कौशिक 'मुक्त'ने शिवजी को स्मरण करते हुए कहा "शिव 'भव' 'नित्य' 'अनन्त' हैं , शिव सबकेआधारऔढ़र दानी दुःख हरो, जन जन का उद्धार " कुसुम सिंघल ने प्रथम पूज्य गणेश की अराधना की"जय गणपति जय सिद्धि विनायक ,वंदन है अभिनंदन है ।आन विराजो काव्य पटल पर,प्रथम पूज्य अभिनंदन है ।"मधु वशिष्ठ जी ने खामोशी को बोलने पर मजबूर कुछ यूं किया"यह खामोशी की आवाज भी कितना शोर मचाती है। कभी-कभी भयंकर शोर में भी खामोशी सी छा जाती है"

उमा गर्ग ने मोबाइल पर अपना क्रोध यूं जाहिर किया "चिठ्ठियों में लिखे मोती सहेज कर रखती थी, पल पल तेरी चिठ्ठी की प्रतीक्षा करती थी। "

अनीता शर्मा ने वह अजन्मा और स्वयंभू है

न आकाश, पाताल न भू है ,शीश पर ज्ञान की गंगा है।संग पथ प्रदर्शक चंदा है। "

प्रीता पवार ने श्रृंगार सुनाया "चलो न करते हैं कुछ बात यूँ ही,यूँ हीथाम लेतें हैं हाथों में हाथ यूँ ही,यूँ ही ।"

डॉ बबिता किरण कहती हैं - 

"खुद को गर जानना है, सामने आइना रख।" सभी रचनाकारों में एक दूसरे की रचनाओं को सुना तथा तालियां बजाकर प्रोत्साहित किया।

अंत में शीघ्र ही दुबारा मिलने का वादा करते हुए अध्यक्ष डॉ बबिता किरण ने सभी को धन्यवाद दिया।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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