स्टील के गिलास, चम्मच और कपड़े की थैली से पर्यावरण बचाने का संकल्प
मंदसौर। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा संचालित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, दलौदा रोड, मंदसौर में पर्यावरण संरक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ ।
पहली कार्यशाला में ब्यूटी पार्लर कोर्स की प्रशिक्षुओं को छोटी-छोटी व्यक्तिगत आदतों के जरिए पर्यावरण संरक्षण में कैसे योगदान दिया जा सकता है इसकी जानकारी रोचक तरीके से दी गई। अपने पर्स में मोबाइल फोन के साथ स्टील का छोटा गिलास, छोटा चम्मच और एक फोल्डिंग कपड़े की थैली हमेशा साथ रखने से वर्ष भर में सैंकड़ों डिस्पोजल और सिंगल यूज़ प्लास्टिक केरी बैग के दुरूपयोग से बचा जा सकता है। डिस्पोजल में गर्म चाय पीने से उसमें लगी वेक्स कोटिंग के जरिए कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने की सम्भावना बढ़ जाती है। व्यक्तिगत तौर पर ऐसी अच्छी आदतों से समाज में एक नई मिसाल कायम होती है एवं एक अलग व्यक्तिगत पहचान भी बनती है । वर्ष भर अनाज के भंडारण के दौरान उनमें केमिकल की गोलियों के स्थान पर नीम की पत्तियों को छाया में सुखाकर एक पतले कपड़े की थैली में तकिया नुमा रख देने से अनाज में कीड़ों का प्रकोप नहीं होता।
ये विचार मंदसौर शहर को पोलीथीन मुक्त करने का संकल्प लेने वाली पर्यावरण मित्र श्रीमती चन्दा डांगी ने कार्यशाला के दौरान व्यक्त किए ।
कार्यशाला की दूसरी कड़ी में सिलाई प्रशिक्षण समूह को वेस्ट कपड़ों की कतरनों से कम लागत में फोल्डिंग डिजाइन वाली थैली बनाने के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। दोनों समूह के प्रशिक्षुओं ने बड़े ध्यान पूर्वक श्रीमती डांगी के सुरूचिपूर्ण विचारों को सुना एवं व्यक्तिगत तौर पर पर्यावरण संरक्षण में अपना हर संभव योगदान करने का संकल्प लिया। प्रशिक्षण संस्थान की ओर से संस्थान के डायरेक्टर श्री महेश चंद्र अग्रवाल व कोर्डिनेटर श्रीमती रवीना प्रजापति ने कार्यशाला आयोजित करने के लिए श्रीमती डांगी को आभार ज्ञापित किया।
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