काव्य :
विरासत
सुसंस्कार मिलें जीवन में
ऐसी विरासत चाहिए
सत्य,निष्ठा,मृदु व्यवहार हो
आचरण में, शराफत चाहिए
मठ,मंदिर,भवन, महलों की
है, विरासत देश में
शिक्षा, ज्ञान,श्रम युक्त हमे
तन की, इमारत चाहिए
करुणा भरा मन , रखें ईश
सद्भावना,इंसानियत, धन हैं
प्रेम, प्रति जन से, रखें हम
मनुजधर्म की,विरासत चाहिए
सद्भाव हो ,सम भाव हो, भारत में
ये अमिट इबारत, हम लिखें,
पीढ़ियां सदियों ये,आदर्श देखें
है *ब्रज* आकांक्षी, ऐसी विरासत चाहिए
- डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल
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