कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो हमें धर्म का त्याग नहीं करना चाहिये-उपमन्युजी
खंडवा। व्यक्ति को कैसी भी परिस्थिति में अपने धर्म का त्याग नहीं करना चाहिये। हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों का बलिदान करके भी धर्म की रक्षा की। गुरू गोविन्द सिंहजी के त्याग की कथा श्रवण कराई। धर्मेण हीनः पषुभिः समानः, कथा सुनने से संस्कृति व संस्कारों की रक्षा होती है। यह अमृत वाणी वर्षा रामनगर स्थित श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के तीसरे दिन वृंदावन से पधारे कथा व्यास पंडित बनवारी भाई उपमन्युजी ने बडी़ संख्या में उपस्थित भक्तों पर की। यह जानकारी देते हुए हर्षभान तिवारी एवं निर्मल मंगवानी ने बताया की कथा के दौरान पं. उपमन्यु जी ने भक्त प्रहलाद की कथा में कहा कि भगवान अपने भक्तों की रक्षा के लिये गर्म खम्भे से प्रकट हो गये, जो भगवान का हो जाता है, भगवान उसकी हर समय रक्षा करते हैं। कथा के मुख्य यजमान दिलीप पाटील व मेघा पाटील द्वारा सभी श्रृध्दालुओं का अभिनंदन किया। कथा के दौरान भजनों पर बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालु जमकर झूमे। आयोजन समिति ने बताया कि कथा दोपहर 3 बजे से सायं 7 बजे तक आयोजित हो रही है।