खंडवा। कवि कला संगम (ककस) परिवार के तत्वावधान में रामेश्वर रोड़ स्थित उपमन्यु हाल में सम्मान समारोह, परिचर्चा एवं काव्य पाठ आयोजित हुआ। यह जानकारी देते हुए ककस प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि समाजसेविका एवं मानव अधिकार महिला इकाई की जिलाध्यक्ष ज्योति दुबे रही। विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र गीते, अरुण सोनी, जयश्री तिवारी रही। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. जगदीशचंद्र चौरे ने की। कार्यक्रम के आरम्भ में अतिथियों द्वारा श्री गणेश जी के छाया चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। संस्थापक सुनील चौरे उपमन्यु ने बताया कि आतंकवादियों व्दारा पहलग्राम में किए नरसंहार पर सीधे सीधे कविताओं के माध्यम से चोट करने हेतु आज कार्यक्रम रखा। सभी कवियों से अनुरोध किया कि आज ऐसा काव्य पाठ करे कि जोश का सैलाब आ जाए। स्वागत भाषण सिंधी साहित्यकार निर्मल मंगवानी ने देते हुए ककस की गतिविधियों की जानकारी दी। पश्चात ककस परिवार व्दारा मातृशक्ति के पक्ष में कलम चलाने वाली कवयित्री कविता विश्वकर्मा का मोती माला, शाल एवं सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। प्रत्युत्तर में उन्होंने ककस संस्था का धन्यवाद किया। इस मौके पर छैंगाँव माखन के सेवानिवृत हुए राधेश्याम पटेल का भी पुष्पहार एवं सम्मान पत्र प्रदान कर अभिनन्दन किया गया। प्रत्युत्तर में उन्होंने कहा कि सभी को सेवा में रहते अच्छे कर्म करना चाहिए। तत्पश्चात काव्य पाठ हुआ। जिसमें भूपेंद्र सिंह मौर्य, अरुण सोनी, वर्षा उपाध्याय, भानुप्रताप सिंह गौर, गोपाल नायक, तारकेश्वर चौरे, योगिता पंवार, जयश्री तिवारी, मीनू तिवारी, निर्मल मंगवानी, दीपक चाकरे, डॉ जगदीशचंद्र चौरे, सुरेंद्र गीते ने आतकंवाद पर रोष जताते हुए रचना पाठ किया। वही महेश मूलचंदानी ने साई भजन प्रस्तुत कर गोष्ठी को निहाल किया। मुख्यातिथि ज्योति दुबे ने आज के कार्यक्रम को आत्मीय बताते हुए काव्य क्षेत्र में पदार्पण करते हुए शानदार रचना का वाचन किया। वही संचालन करते हुए लोकभाषा निमाड़ी में उपमन्यु ने माय बोली नाना एक वात सीखी ल, घणो हुई गयोज आंतकवाद उखाड़ी न फेंकी द रचना पढ़ी। इस अवसर पर सभी ने खड़े होकर दो मिनिट का मौन रखकर पहलगाम में बेकसूर मारे गए लोगों के साथ ही परिवार की कवयित्री राजमाला आर्य के पिताश्री रामनारायण भद्रावले जी को भी श्रध्दांजलि दी। आभार दीपक चाकरे चक्कर ने माना। इस अवसर पर श्री तिवारी, हेमंत राजेन्द्र पंवार एवं नितेश चौरे विशेष रूप से उपस्थित थे।
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