“आधुनिकता की अंधी दौड़ में मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है।”- संतोष श्रीवास्तव
अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच का एक अभिनव आयोजन, कहानी संवाद ‘दो कहानी- दो समीक्षक’
भोपाल । दिनाँक - 14 जून 2025, शनिवार शाम गूगल मीट पर आयोजित किया गया।
इस अवसर अध्यक्षता कर रही अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की संस्थापक अध्यक्ष संतोष श्रीवास्तव ने दोनों कहानियों की समीक्षा करते हुए कहा कि-
“अनिता मंदलवार की कहानी एक प्रतीकात्मक कहानी है। इसमें सितार का एक बिम्ब के रूप में प्रयोग किया गया है और अनिता पुरोहित की कहानी एक छोटी बच्ची और उसकी माँ के अंतर्द्वंद की कहानी है।
समकालीन हिंदी कहानी में सामाजिक परिवर्तन हुए हैं। आधुनिकता की इस अंधी दौड़ में मानवीय मूल्यों का ह्रास हो रहा है। समय जिन बदलावों से होकर गुज़रता है पाठक कहानी में वही बदलाव देखना चाहता है।”
मुख्य अतिथि डॉ दुर्गा सिन्हा ‘उदार’ ने अनिता पुरोहित की कहानी ‘उसकी मेंहदी’ की समीक्षा करते हुए कहा कि - हिमानी एक शिक्षक है और एक शिक्षक में सदैव एक आदर्श भाव रहता है। सादगी का अपना एक अलग सौंदर्य है। यह कहानी जीवन के उतार चढ़ाव कहानी है। समय के साथ अपने आपको बदलना ज़रूरी है। वरना हम जीवन से हार जाते हैं। स्वयं से पराजित होने की पीड़ा एक दिन आक्रोश में बदल जाती है।”
विशिष्ट अतिथि डॉ निरंजन श्रोत्रिय ने अनिता मंदिलवार की कहानी, ‘अधूरी कहानी’ की सारगर्भित समीक्षा की और उसके अनकहे पहलुओं पर विस्तार से अपने विचार रखे। आपने कहा कि -
“कथानक कोई नया नहीं है। यह कहानी पितृसत्तात्मकता का आरोहण है। हम सब पितृसत्तात्मकता के नीचे दबे हुए हैं। यह कहानी एक माध्यम वर्गीय परिवार की स्त्री के शोषण का मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करती है। कहानी कार से अपेक्षा है कि इस कहानी में छिपे सूक्ष्म मनोवैज्ञानिक भावों को पात्रों के माध्यम से उजागर करे तो कहानी, पाठकों को और अधिक प्रभावित करेगी।”
अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की मध्य प्रदेश इकाई की अध्यक्ष शेफालिका श्रीवास्तव ने कहानी संवाद में उपस्थित सभी साहित्य सुधिजनों का आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम का सञ्चालन इकाई के महा सचिव मुज़फ्फर सिद्दीकी ने किया। परोक्ष और अपरोक्ष रूप से कार्यक्रम को सफल बनाने में जिन्होंने ने भी सहयोग किया उन सभी का आत्मीय आभार अंतर्राष्ट्रीय विश्वमैत्री मंच की मध्य प्रदेश इकाई की मंत्री जया केतकी शर्मा ने व्यक्त किया।
प्रस्तुति
- मुज़फ़्फ़र सिद्दीकी