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लघुकथा : छोटे उद्योग - चन्दा डांगी रेकी ग्रेंडमास्टर मंदसौर मध्यप्रदेश


 

लघुकथा : 

छोटे उद्योग

            चन्दा का हमेशा से सपना था कि बच्चों की पढ़ाई में ऐसे काम शामिल किए जाए ताकि अगर पढ़ाई बीच में छूट जाये तो भी कोई भुखा नहीं रहे तो उसने बच्चों को अलग-अलग विद्यालयों में जाकर बच्चों को कपड़े और कागज की थैलियां बनाना सिखाने लगी सोचा कि इससे पर्यावरण की रक्षा भी होगी और रोजगार भी मिलेगा और चन्दा की खुशी उस दिन कई गुना बढ़ गई जब एक दिन अचानक एक लड़के ने आकर प्रणाम किया और कहा कि मेडम आपने मुझे नहीं पहचाना शम्भुपुरा विद्यालय में आपने हमें थैलियां बनाना सिखाई थी और अब हमारे घर में छोटा उद्योग खुल गया है मैं और मेरी दादी थैलियां बनाते हैं और इसी से हमारी रोजी-रोटी चलती है।

- चन्दा डांगी रेकी ग्रेंडमास्टर 

      मंदसौर मध्यप्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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