"कुटुम्ब एवं परिवार पर चर्चा परिचर्चा का आयोजन किया गया
खंडवा । अखिल भारतीय साहित्य परिषद तहसील इकाई खण्डवा के तत्वाधान में शांतिनगर में "कुटुम्ब एवं परिवार पर चर्चा परिचर्चा का आयोजन किया गया ।जिसमे अध्यक्षता डॉ जगदीश चौरे ने की।
अतिथि विशेष प्रवीण शर्मा,संतोष तिवारी, राजमाला आर्य, सुनील चौरे "उपमन्यु" एवं मंगला चौरे रहे ।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद तहसील इकाई अध्यक्ष दीपक चाकरे"चक्कर" ने उपस्थित अतिथियो का पुष्पहार से स्वागत किया तथा कुटुम्ब पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम का शुभारंभ मास्टर अनिरुध्द चौहान के परिवार पर विचार व्यक्त करने से हुआ ।
इस लिए उपस्थित अतिथियो ने
मास्टर अनिरुध्द पिता सत्यनारायण
चौहान का सम्मान भी किया।
पश्चात सुनील उपमन्यु ने कहा कि- "भरा रहे कुटुम्ब तब,साथ हो कुटुम्ब जब "आज कुटुम्ब की शख्त आवश्यकता है । कुटुम्ब न होने से परिवार निरंकुश होता जा रहा है ।
जयश्री तिवारी ,कविता विश्वकर्मा ने
अपनी कविता के माध्यम से बहुत शानदार कुटुम्ब को समझाया।
श्रीमती सलिता चौहान,आशा चौहान,
झुमलता चौहान,हेमलता राठौर,
दशरथ चौहान एवं पदम् सिंह राजपूत
ने भी कुटुम्ब का होना नितांत आवश्यक बताया ।
गोपाल नायक,नितिन बिवाल,
भूपेंद्र मौर्य ने कहा की युव पीढ़ी का आकर्षण कुटुम्ब की ओर आना चाहिए ताकि एक उत्तम समाज पुनः दिखाई दे।
महेश मूलचंदानी ने जहां साईं भजन सुनाया व वहीं सत्यनारायण चौहान ने
कुटुम्ब के बिना संस्कार नही होना
कहा।
राजमाला आर्य,मंगला चौरे ,हर्षा शर्मा ने अपने उदगार कविता एवं वक्तव्य से दिए।
प्रवीण शर्मा एवं संतोष तिवारी ने
भी कुटुम्ब पर विचार व्यक्त कर
कुटुम्ब से सम्बधित मुक्तक प्रस्तुत किए।
अंत मे वयोवृद्ध डॉ जगदीश चंद चौरे ने भी अध्क्षकीय उद्बोधन देकर कुटुम्ब का होना आज अनिवार्य है।
संचालन सत्यनारायण चौहान ने किया । आभार भूपेंद्र मौर्य ने माना।
इस अवसर पर शांतिनगर के प्रबुद्ध लोग भी उपस्थित रहे।