देशभक्त और धर्मभक्त प्रधानमंत्री मिलना इस देश का सौभाग्य: युवराज स्वामी
भागवत कथा में कृष्ण जन्म ने मोहा श्रोताओं का मन
इटारसी। भारत का सौभाग्य है कि हमें न सिर्फ देशभक्त बल्कि धर्मभक्त प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी मिले है। अब देश का नेतृत्व ऐसे हाथों में है जो सिर्फ देश की रक्षा ओर उसके विकास के लिए ही कृत संकल्पित है नहीं है। वो धार्मिक भावनाओं के अनुरूप भी कार्य कर रहे हैं। आतंकवादियों को घर में घुसकर मुंह तोड़ जब देने से लेकर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर हो, वनारस हो, महाकाल हो, सभी धार्मिक स्थलों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। सरकार ने धर्मप्रेमी नागरिकों के लिए धार्मिक स्थलों पर पहुंचने के लिए सुगम यातायात की व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। यह तभी संभव हो पाया है जब धर्मभक्त व्यक्ति प्रधानमंत्री के पद पर बैठे हैं। उक्त उदगार श्रीमती मनोरमा देवी गुप्ता एवं परिवार बेंगलुरु द्वारा सरल मंगल भवन में आयोजित चतुर्थ दिवस पर श्री श्री 1008 युवराज स्वामी रामकृष्णाचार्य जी महाराज ने व्यक्त किए।
व्यासपीठ से संबोधित करते हुए युवराज स्वामी ने चतुर्थ दिवस गजेंद्र मोक्ष, श्रीराम लीला, श्रीकृष्ण अवतार एवं नंदोत्सव की कथा विस्तार से सुनाई। कथा में श्रीकृष्ण जन्म की खुशी से पूरा पांडाल झूम उठा। बधाइयां बजाई गई, मिष्ठान, मेवे का वितरण हुआ। व्यासपीठ से युवराज स्वामी ने श्रीकृष्ण जन्म की कथा ओर उसका महात्म्य विस्तार से बताया। नंदोत्सव कथा सुनाई हुए महाराज श्री ने कहा कि कंस के कारागार में जन्म लेने के बाद, वासुदेव ने श्रीकृष्ण को टोकरी में यमुना नदी पार कराकर नंद बाबा और यशोदा मैया के घर पहुंचाया। यह जानकर कि भगवान कृष्ण का जन्म हुआ है, नंदगाँव में खुशी की लहर दौड़ गई। नंद बाबा और यशोदा मैया ने अपने घर में भगवान कृष्ण के आगमन का जश्न मनाया, और पूरे गाँव में उत्सव का माहौल था। इस अवसर पर कथा में भक्तमंडल के रमेश चांडक, सतीश बांगड़, श्रीकांत मोलासरिया, अर्पण माहेश्वरी, नितिन अग्रवाल आदि का सहयोग रहा।