इटारसी के युवा कारोबारी सजल अग्रवाल ने मृत्यु उपरांत अंगदान का संकल्प लेकर युवाओं को दिया जीवनदायिनी प्रेरणा
इटारसी। शहर के युवा कारोबारी सजल अग्रवाल ने एक अनुकरणीय कदम उठाते हुए मृत्यु उपरांत अंगदान का संकल्प लिया है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपना अंगदान पंजीयन कर यह संदेश दिया है कि जीवन के बाद भी दूसरों को जीवनदान देना संभव है। सजल के इस कदम ने समाज और खासकर युवाओं के बीच एक सशक्त प्रेरणा का कार्य किया है।
सजल अग्रवाल ने कहा कि “जब हम मरने के बाद अपने शरीर के अंगों का उपयोग नहीं कर सकते, तो क्यों न उन्हें उन लोगों को सौंप दिया जाए जिनकी जिंदगी हमारे एक फैसले से बच सकती है।"
उन्होंने बताया कि अंगदान के प्रति लोगों में अभी भी जागरूकता की कमी है, जबकि भारत में हर साल लाखों मरीज अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में दम तोड़ देते हैं। अगर हर नागरिक यह संकल्प ले कि वह मृत्यु के बाद अपने अंग दान करेगा, तो यह एक मूक क्रांति की शुरुआत होगी।
सजल ने युवाओं से अपील की है कि वे आगे आएं और इस मानवीय कार्य में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि अंगदान न केवल किसी की जिंदगी बचाता है, बल्कि यह हमारे जीवन की सबसे बड़ी परोपकारी विरासत बन सकता है।
उनके इस फैसले की सोशल मीडिया और समाज के विभिन्न वर्गों में प्रशंसा की जा रही है। कई युवाओं ने सजल से प्रेरित होकर अंगदान का पंजीयन कराने की इच्छा भी जताई है।
यह पहल इटारसी के युवाओं के लिए एक नई दिशा तय करती है और यह सिद्ध करती है कि छोटे शहरों से भी बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती है।