जनजाति के युवाओं की आय बढ़ाएंगे गाय,मशरूम,कटहल, सहजन और औषधीय पौधे सेवा भारती के माध्यम से शुरू हो रहे प्रकल्प
ग्वालियर । मध्यप्रदेश के सुदूर क्षेत्र में निवासरत जनजाति वर्ग के युवाओं को गाय, मशरूम,कटहल सहजन और औषधीय पौधे आत्म निर्भर बनाएंगे। सेवा भारती के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया गया है। सेवा भारती द्वारा जनजातीय सशक्तिकरण केन्द्र बड़ा घोसलिया मेघनगर की अगुवाई में यह कार्य शुरू किया गया है। युवा किसानों को मशरूम, सहजन, फल एवं जैविक कृषि को लेकर 15 दिवसीय प्रशिक्षण देकर उत्पादन में सहयोग दिया जा रहा है, ताकि जल्द आय शुरू हो सके। जबकि क्षेत्र की जलवायु के अनुकूल गिर गाय का पालन कर दूध, गोबर एवं गोमूत्र से धन अर्जन के तरीके बताए गए हैं। बड़ा घोसलिया स्थित सेवा भारती द्वार संचलित जनजातीय सशक्तिकरण केंद्र के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के कार्यक्रम की शुरुआत की गई है और आसपास के गांवों को स्वावलंबन कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है।
अब तक किये गये कार्य
-सेवा भारती द्वारा आसपास के युवाओं को जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित किया गया है एवं पलायन की सोच में बदलाव लाया गया है।
-वनांचल के बच्चों को संस्कारयुक्त, रोजगारपरक और योग शिक्षण प्रदान किया जा रहा है। अकेले घोसलिया केन्द्र में ही 50 बच्चों को आवासीय शिक्षा दी जा रही है।
अब होंगे यह कार्य
वनवासी सशक्तिकरण केंद्र बड़ा घोसलिया के समन्वयक दिनेश चाकणकर बताते हैं कि आय आधारित मॉडल पर एक गौशाला जल्दी ही प्रारम्भ की जा रही है है। गौशाला में युवाओं को दूध, दुग्ध उत्पाद,गोबर एवं गोमूत्र से धन कमाने तथा जैविक कृषि के तरीेके सिखाए जाएंगे।
-नर्सरी विकसित कर आसपास के गांवों में न्यूनतम दर पर सहजन,कटहल आम, अमरूद, जामुन, सीताफल, आंवला आदि के पौधे दिए जाएंगे।
-ग्रामीणों द्वारा उत्पादित सहजन एवं सब्जियों को सुखाकर बाजार में विक्रय करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
-केन्द्रीय स्वालंबन टोली के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र में अल्प प्रवास कर युवाओं को शिक्षा, आजीविका, संस्कृति और स्वालंबन का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबन हेतु सहयोग किया जाएगा।
स्वालंबन प्रमुख ने किया अवलोकन
सेवा भारती की केन्द्रीय स्वावलंबन टोली की सदस्य एवं महाराष्ट्र स्वावलंबन प्रमुख पद्मा कुबेर, प्रांत स्वावलंबन प्रमुख प्रवीण पांडे, सेवा भारती मालवा प्रांत के संतोष जैन, केंद्र का अवलोकन कर केंद्र और क्षेत्र के स्वावलंबन हेतु और क्या-क्या किया जा सकता है इस पर मार्गदर्शन दिया ,अतिथियो द्वारा केन्द्र की आरोग्य वाटिका में औषधीय पौधों का भी रोपण किया गया अवसर पर किशन मावी, खंड सह कार्यवाह प्रशांत जी, बड़ा घोसलिया केन्द्र समन्वयक दिनेश चाकणकर, छात्रावास अधीक्षक रामसिंह, रेखा मावी साहित विद्यार्थीयों ने भी वृक्षारोपण किया।
सेवा भारती केंद्र बडा़ घोसलिया में तीन दिवसीय मशरूम का प्रशिक्षण दिया गया आसपास के 15 किसान ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है 3 दिन तक लगातार अब उनकी सोच है कि हम हमारे घर में भी इसका उपयोग करेंगे और इसकी खेती करेंगे ।