काव्य :
फूल
फूल ,कलम और दवात होते हैं
कवि की लेखनी का साथ होते हैं
बहुरंगी दुनिया है, इन फूलों की
हँसी पल और मुलाकात होते हैं
मिलन,विदाई है फूल बिन अधूरी
जिन्दगी के साथ और बाद होते हैं
सुगंध,सौंदर्य और मकरंद इनमें
गीत,छंद,कविता, हर बात होते हैं
मुसकान, जिन्दा रखते हर दौर में
अंतिम और पहली,मुलाकात होते हैं
कांटे भी चुभाते और सीख दे जाते
*ब्रज* क्या कहे,यादों की बारात होते हैं
- डॉ ब्रजभूषण मिश्र , भोपाल
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