गुरुपूर्णिमा के दिन गुरु ने किया रक्तदान
सरायपाली। गुरु का काम होता है बच्चों को शिक्षा देना लेकिन जब बात अपने शिष्य को रक्त की आवश्यकता होती है तो वह अपना रक्त भी खुशी खुशी दे देता है,ऐसे ही एक गुरु हैं जो इस साल मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षादूत का पुरस्कार प्राप्तकर्ता सुंदर लाल डडसेना हैं जो अपने नवाचारी गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं,उन्हें सूचना मिली कि एक छोटे बच्चे को रक्त की आवश्यकता है तो वो दौड़कर समर्थ ब्लड बैंक सरायपाली पहुंच रक्तदान कर अपने गुरु होने का फर्ज निभाया।ज्ञात हो कि सुंदर लाल डडसेना 5वीं बार रक्तदान कर जरूरतमंद लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रेरित करते हैं,उनका कहना है "रक्तदान-महादान,जीवन का अमूल्य वरदान।अन्नदान,विद्यादान,जीवनदान यह सब सारे दान महान।पर सबसे बड़ा है जग में,रक्तदान है महादान।दुर्घटना,रक्ताल्पता,हर संकट का होता समाधान।"
उनके रक्तदान करने पर शिक्षक परिवार,संस्कार साहित्य समिति,फुलझर रक्तदान सेवा समिति छत्तीसगढ़ ने हर्ष व्यक्त किया।