काव्य :
लहराये तिरंगा
जैसे लहराये तिरंगा मेरा,
जोश उठे तन मन में,
जैसे लहराये नदिया का पानी,
लहर उठे जन-जन में,
जब-जब संकट वतन पर आये,
राष्ट्र चेतना जागे मन-मन में
उठो साथियों संभालो मोर्चा,
इन संकट के पल में,
नही झुका है नही झुकने देंगे तिरंगा,
यह संकल्प जन-जन के है मन में।
- विनय चौरे , इटारसी
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