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काव्य : ' मेरे राष्ट्र का गौरव न्यारा' -रजनीश मिश्र 'दीपक' खुटार शाहजहांपुर


 काव्य : 

' मेरे राष्ट्र का गौरव न्यारा'              

विधा-लावणी छंद     

मेरे राष्ट्र का गौरव न्यारा,मेरा तिरंगा झंडा प्यारा। लहराता जन बड़े गर्व से, भारत मां का यह सितारा। 

केशरिया और श्वेत हरा,रंगों में संदेश भरा।  

इसे देख कर जन मन के सँग,झूम रही है वसुन्धरा।

 राष्ट्र का मान बढ़ाता यह,जन जन को हर्षाता यह।

 केशरिया रँग से हम सबको,विजयी गान सुनाता यह। 

 श्वेत वर्ण से शांति उपासना,यह हमारी बताता है। 

 सुख वैभव को हरे रंग से,यह जग को दर्शाता है। 

नीले चक्रण से यह हमको,चौबीस घंटे दिखाता है। 

 हरदम होती प्रगति हमारी, हर जन को समझाता है।

 इसकी शान में बढ़चढ़कर,वीरों ने बलिदान किये। 

भारत माता की जय कहकर,हँसकर अपने प्राण दिये। उन वीरों के सारे सपने,हमको पूरे करने हैं। 

 रिक्त हुए पहरेदारों के,पद हमको ही भरने हैं।  

आओ इस झंडे के नीचे,हम भी दृढ़ संकल्प करें। 

प्रश्न देश के अपने सारे,द्वेष त्याग कर हल करें।                 

 - रजनीश मिश्र 'दीपक' खुटार शाहजहांपुर उप्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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