आज का साहित्य कल इतिहास होगा, साहित्य सृजन और सरंक्षण राष्ट्र के लिए आवश्यक -- साहित्यकार श्री वास
जन परिषद संस्था ने किया सम्मान समारोह
मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट
मंदसौर । साहित्य संस्कृति और संस्कार परस्पर जुड़े हुए हैं इनका संरक्षण भविष्य की पीढ़ी को राष्ट्र भाव से जोड़ने में अहम भूमिका है
आज का साहित्य ही कल इतिहास होगा इसलिए सृजन श्रेष्ठ हो ओर सरंक्षण भी आवश्यक है ये विचार भोपाल के प्रख्यात साहित्यकार एवं लेखक, इतिहासकार श्री भंवरलाल श्रीवास ने व्यक्त किए ।
आप बुधवार शाम हेमू कालानी चौराहा स्थित पाण्डेय सभागार में जन परिषद मंदसौर चैप्टर द्वारा आयोजित सभा को संबोधित कर रहे थे ।
साहित्यिक और सांस्कृतिक पत्रिका कला समय संपादक श्री भंवरलाल श्रीवास ने कहा कि अच्छे साहित्य को प्रचारित करना और लोकोपयोगी रूप में प्रस्तुत करना होगा, हमारी धरोहर है साहित्य और संस्कृति।
आपने बताया कि आजकल युवाओं में और पढ़ने वालों में रुचि घट रही है ऐसे में मिडिया में समाचार पत्रों में और साहित्यिक पत्रिकाओं में रुचिकर के साथ वर्तमान संदर्भों को जोड़ते हुए सामग्री प्रस्तुत करने की आवश्यकता है, क्योंकि साहित्य संस्कृति और संस्कार से जुड़ा समाज ही भविष्य की सुदृढ़ संभावना दर्शाता है।
श्री श्रीवास ने मंदसौर में चल रही साहित्यिक सांस्कृतिक और रचनात्मक गतिविधियों की सराहना करते हुए कहा कि यह अच्छे वातावरण निर्माण में सहायक है ।
समारोह के विशिष्ट अतिथि दशपुर प्राच्य शोध संस्थान निदेशक एवं वरिष्ठ इतिहासकार श्री कैलाश चन्द्र पाण्डेय ने हाल में नई दिल्ली में सम्पन्न संस्कृति मंत्रालय की अंतर्राष्ट्रीय पाण्डु लिपि एवं लिपि शास्त्र सेमिनार में शामिल होने और अपनी प्रस्तुति का विवरण दिया ।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश से दिल्ली के विज्ञान भवन में सम्पन्न अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में श्री पाण्डेय एकमात्र प्रतिनिधि थे और केंद्रीय संस्कृत एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने श्री पाण्डेय की विशिष्टता को सम्मान दिया ।
जन परिषद समारोह की अध्यक्षता सार्थक संस्था फाउंडर एवं पर्यावरणविद डॉ उर्मिला सिंह तोमर ने की । संचालन डॉ घनश्याम बटवाल ने किया और आभार सचिव श्री नरेंद्र कुमार त्रिवेदी ने माना ।
इसके पूर्व साहित्यकार श्री भंवरलाल श्रीवास एवं पुरातत्व विद्वान श्री कैलाश चन्द्र पाण्डेय का अभिनन्दन और सम्मान जन परिषद मंदसौर चैप्टर द्वारा किया गया ।
इस मौके पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला सचिव नंदकिशोर राठौर , कवि गोपाल बैरागी स्पीक मैके को ऑर्डिनेटर श्रीमती चंदा डांगी , सक्षम संस्था सचिव डॉ रविन्द्र पाण्डेय , शिक्षाविद अजीजुल्लाह खालिद , कवि लेखक अजय डांगी , संगीतकार मयंक श्रीवास एवं अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे ।
अतिथियों को डॉ घनश्याम बटवाल ने साहित्य संग्रह यथार्थ और आराधना पुस्तिका भेंट की । पर्यावरणविद एवं समाज सेविका श्रीमती चंदा अजय डांगी ने अतिथियों को कपड़े से बनी थैलियां भेंट देकर अपने योगदान और भूमिका से अवगत कराया । ज्ञातव्य है कि श्रीमती डांगी ने एक लाख से अधिक कपड़े की थैलियां निःशुल्क वितरित कर निरन्तर सक्रिय हैं ।
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