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आचार्य निमंत्रण से हुआ सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारम्भ


 

आचार्य निमंत्रण से हुआ सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारम्भ

सिद्धचक्र महाण्डल विधान सबसे बड़ा और रिद्धियों को देने वाला है - पं. संतोष शास्त्री

तालबेहट (ललितपुर) कसबे के पारसनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अष्टाह्निका महापर्व में 29 अक्टूबर से 6 नवंबर तक चलने वाले सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारम्भ मंगलवार को सायं काल की बेला में आचार्य निमंत्रण से किया गया। बुधवार को सुबह पं. संतोष कुमार जैन शास्त्री अमृत के निर्देशन में मंगलाष्टक, देवाज्ञा, नित्यमय अभिषेक शांतिधारा के उपरांत पात्र चयन, मंगल घटयात्रा, मंडप शुद्धि, ध्वजारोहण, जाप्यानुष्ठान, सकलीकरण, इंद्र प्रतिष्ठा, के बाद पूजन विधान का आयोजन किया गया। जिसमें ध्वजारोहण कर्ता प्रकाश चंद्र प्रिंस जैन पारौन, सौधर्म इंद्र चौधरी अभय कुमार राज जैन, श्रीपाल मैनासुंदरी मोदी देवेंद्र कुमार गौरव जैन बसार, कुबेर इंद्र मिठया यशपाल जैन, महायज्ञनायक चौधरी सुमत प्रकाश जैन, ईशान इंद्र रोहित बुखारिया, लौकांतिक इंद्र अनुज जैन सिटिल, सिद्धार्थ जैन, हर्ष जैन, आयुष जैन, संस्कार जैन आदि ने प्रमुख भूमिका निभाई।  पं. संतोष कुमार शास्त्री ने कहा यह महाण्डल विधान सबसे बड़ा और रिद्धियों को देने वाला है अतः इसे पूर्ण विशुद्धि के साथ करना चाहिए। इस मौके पर पं. विजय कृष्ण, सुकमाल जैन, अनिल चौधरी, विनोद जैन, अरुण मोदी, कमलेश सिर्सी, अजय जैन अज्जू, विशाल जैन पवा, सौरभ मोदी, सुधीर चौधरी, आनंद जैन, तातू जैन, आदेश मोदी, मिलनराज, चक्रेश जैन, राकेश सतभैया, प्रकाश चंद परिधान, सौरभ पवैया, अमन मोदी, मुकुल जैन, विशाल चौधरी, सहित सकल दिगम्बर जैन समाज का सक्रिय सहयोग रहा।

वहीं सिद्ध क्षेत्र पावागिरि में भी मंगल घटयात्रा के साथ सिद्ध चक्र महामंडल विधान का शुभारम्भ हुआ। जिसमें विधानाचार्य अंशू भैया कोलारस के नेतृत्व में मंत्रोच्चार के मध्य विधि पूर्वक अनुष्ठान संपन्न किये। चमत्कारी बाबा मूलनायक पारसनाथ स्वामी के अभिषेक शांतिधारा उपरांत आदीश जैन एन्ड पार्टी गढ़ाकोटा के मधुर संगीत में विधान प्रारम्भ हुआ। जिसमें सुरेंद्र कुमार, डॉ. मयंक कमलेश जैन मोदी परिवार अहमदाबाद का सक्रिय सहयोग रहा। संचालन अध्यक्ष ज्ञानचंद जैन ने किया। आभार व्यक्त उपाध्यक्ष विशाल जैन पवा ने किया।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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