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सरल, सहज और आत्मीय है,'यादों का सिलसिला' : डीजीपी श्री मकवाना


 

सरल, सहज और आत्मीय है,'यादों का सिलसिला' : डीजीपी श्री मकवाना

जीवन लौटकर नहीं आता, इसलिए संस्मरण मधुर होते हैं : एन के त्रिपाठी

भोपाल। गत दिवस ,पुलिस ऑफ़िसर्स मेस में , पूर्व डीजीपी नरेंद्र कुमार ( एन के ) त्रिपाठी, की पुस्तक ‘यादों का सिलसिला’ का विमोचन करते हुए पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना ने कहा कि यादों का सिलसिला किताब सरल सहज और आत्मीय है। इसमें कई संस्मरण में संवेदनाएं भी समाहित हैं। न्याय और प्रक्रिया का द्वंद भी देखने को मिलता है। पुलिस अधिकारियों को इसे जरूर पढ़ना चाहिए।  कार्यक्रम की अध्यक्षता माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी ने की एवं विशिष्ट अतिथि श्री मनोज श्रीवास्तव थे। इस अवसर पर अनेक पूर्व एवं वर्तमान पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

कार्यक्रम में चीफ इलेक्शन कमिश्नर एवं  वरिष्ठ चिंतक श्री मनोज श्रीवास्तव ने पुस्तक पर  टिप्प्णी करते हुए कहा कि यादों का सिलसिला पुस्तक यादों के प्रभाव को कम नहीं करती, इसमें जीवन भर की यादें ऑटो बायोग्राफी के रूप में हैं। इसमें प्रदेश का बदलता परिदृश्य भी समाहित किया गया है। माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय के कुलगुरु श्री विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि यादों का सिलसिला पुस्तक बड़े रोचक विवरण से भरी हुई है। इतनी अच्छी प्रस्तुति करना हर किसी के बस की बात नहीं। त्रिपाठी जी की तरह सभी अधिकारियों को अपने अनुभव को पुस्तक के रूप में संग्रहित करना चाहिए जो आने वाले लोगों को नसीहत बने।

 मीडियावाला के प्रधान संपादक सुरेश तिवारी ने इस अवसर पर यादों का सिलसिला पुस्तक में समाहित साहित्य के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन रामजी श्रीवास्तव ,आभार प्रदर्शन महेंद्र जोशी एवं स्वागत अजय श्रीवास्तव नीलू ने किया l

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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