इटारसी के प्रसिद्ध वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल सिंह पंचतत्व में विलीन
गणमान्य नागरिकों, डॉक्टरों व जनप्रतिनिधियों ने दी अंतिम विदाई
इटारसी । शहर के सम्मानित, सरल स्वभाव के धनी और जनसेवा को जीवन का उद्देश्य मानने वाले वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनिल सिंह के आकस्मिक निधन से संपूर्ण चिकित्सा जगत और नगर में गहरा शोक व्याप्त है। 31 जुलाई 1962 को मेरठ में जन्मे डॉ. सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा आजमगढ़ तथा उच्च शिक्षा सहारनपुर से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने B.Sc., MBBS एवं MS की उपाधि सेवाग्राम वर्धा से अर्जित की।
वर्ष 1996 में इटारसी आगमन के पश्चात डॉ. सिंह ने राठी हॉस्पिटल से अपनी सेवाएँ प्रारंभ कीं और इटारसी को ही अपनी कर्मभूमि बनाया। मानवीय संवेदनाओं, सेवाभाव और ईमानदारी ने उन्हें शीघ्र ही शहर के सबसे विश्वसनीय और लोकप्रिय चिकित्सकों की श्रेणी में स्थापित कर दिया।
वर्ष 2000 में माता मंदिर अस्पताल की नींव रखकर और 2004 में इसे एक आधुनिक, सर्व-सुविधायुक्त अस्पताल के रूप में विकसित करके उन्होंने स्वास्थ्य सेवाओं में एक मील का पत्थर स्थापित किया। हजारों मरीजों को नई उम्मीद और जीवन देने की उनकी प्रतिबद्धता आज भी शहर में मिसाल के रूप में याद की जाती है।
उनकी धर्मपत्नी डॉ. सुनीता सिंह स्वयं प्रतिष्ठित चिकित्सक हैं, जबकि उनके दोनों सुपुत्र डॉ. अनिकेत सिंह (सर्जन एवं अस्पताल संचालक) और डॉ. अनमोल सिंह चिकित्सा क्षेत्र में समाज की सेवा को आगे बढ़ा रहे हैं।
डॉ. अनिल सिंह का सौम्य, सरल, हंसमुख और संवेदनशील व्यक्तित्व उन्हें हर दिल में एक विशिष्ट स्थान दिलाता था। उनके अचानक निधन ने शहर को अपूरणीय क्षति पहुँचाई है।
डॉ. अनिल सिंह पंचतत्व में विलीन हो गए, जहाँ इटारसी शहर के गणमान्य नागरिकों, डॉक्टरों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों सहित बड़ी संख्या में लोगों ने अंतिम विदाई में उपस्थित होकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन करते हुए मनीष ठाकुर ने उनके व्यक्तित्व, सेवाभाव, समाज के प्रति समर्पण और राजपूत समाज के लिए उनके योगदान का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि “राजपूत समाज के मजबूत स्तंभ और शहर के सबसे वरिष्ठ चिकित्सकों में से एक का यूँ अचानक जाना इटारसी के लिए एक बड़ी क्षति है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है।”
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को इस विशाल दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। शत-शत श्रद्धांजलि।
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