शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में मानवाधिकार दिवस पर जीवन, समानता और स्वतंत्रता पर संवाद हुआ
इटारसी । शासकीय कन्या महाविद्यालय, इटारसी में मानवाधिकार दिवस के अवसर पर एक प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें छात्राओं को मूलभूत अधिकारों, कर्तव्यों और सामाजिक जागरूकता के महत्व से अवगत कराया गया। महाविद्यालय की छात्राओं ने मानव श्रृंखला बनाकर यह संदेश दिया कि मानव अधिकारों की सुरक्षा तभी संभव है जब हम सब एक साथ खड़े हों और एक-दूसरे के अधिकारों की गारंटी बनें। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. आर. एस. मेहरा ने मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मानव अधिकार हमें गरिमा, सम्मान और सुरक्षित जीवन की गारंटी देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारों के साथ कर्तव्यों का पालन ही जागरूक नागरिक की पहचान है। अंग्रेजी विभाग की प्रमुख डॉ. हरप्रीत रंधावा ने मानवाधिकारों को स्वतंत्रता, समानता और जीवन के अधिकार से जोड़ते हुए कहा कि शिक्षा, संपत्ति का अधिकार और निर्णय लेने की स्वतंत्रता महिलाओं के वास्तविक सशक्तिकरण की आधारशिला हैं। हर व्यक्ति को समान अधिकार मिलना किसी भी स्वस्थ समाज की आवश्यकता है। कार्यक्रम के संचालक डॉ शिरीष परसाई ने कहा कि मानवाधिकार केवल कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि सामाजिक संतुलन और मानव गरिमा की मूल आधारशिला हैं। हमें प्रतिदिन यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे विचार, व्यवहार और निर्णय प्रत्येक व्यक्ति की स्वतंत्रता, समानता और सुरक्षित जीवन के अधिकार का आदर करें। इस अवसर पर डॉ. हर्षा शर्मा, नीतू अहिरवार और डॉ. संजय आर्य ने भी छात्राओं को संबोधित करते हुए मानवाधिकारों की समझ और जागरूकता को आज के समय की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया।मानव अधिकार दिवस के अवसर पर छात्राओं के द्वारा लगाए गए नारों में गहरे सामाजिक और संवैधानिक संदेश छिपे थे। ये नारे छात्राओं की जागरूकता और सशक्तिकरण का प्रतीक थे।कार्यक्रम में श्रीमती मंजरी अवस्थी, श्रीमती पूनम साहू, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ. श्रद्धा जैन, डॉ. भावना यादव, डॉ. नेहा सिकरवार, प्रिया कलोशिया, करिश्मा कश्यप, अदिति पटेल, रशिम चोरै तथा बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।
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