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मित्रों की वापसी - सुमन सिंह इटारसी


 मित्रों की वापसी

    आज के वर्तमान समय में हर दिन कोई ना कोई दिवस राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने लगा है इसी श्रृंखला में अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस जो कि 30 जुलाई को मनाया जाता है और राष्ट्रीय मित्रता दिवस 1 अगस्त या अगस्त के पहले रविवार को मनाया जाता है, बहुत प्रचलन में है| हालांकि अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा शुरू किया गया था जिससे पूरे विश्व के लोगों के बीच एकता और समझौते को प्रोत्साहित किया जा सके, लेकिन वर्तमान में यह दिवस लोग अपने मनपसंद लोगों के साथ मित्रता दिवस के रूप में सेलिब्रेट करते हैं| अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस दोस्ती का जश्न मनाने और  दोस्तों को हमारे जीवन में उनके महत्व का एहसास करने में मदद करने का एक मौका है और इस दिन को सभी अपने-अपने तरीके से उपहार देकर, केक काटकर, पार्टी बनाकर, होटल में जाकर पिकनिक मनाकर, शुभकामनाएं आदि देकर मनाते हैं| यह बात बिल्कुल सही है कि एक सच्चा दोस्त कई रिश्तों पर भारी होता है, प्राय कोई भी व्यक्ति अपने दिल की बातें  अपने परिवार वालों के साथ कम और एक दोस्त के साथ सबसे पहले साझा करता है| दोस्ती वह रिश्ता है जो कोई भी समस्या हो, सुख- दुख हो, अच्छा हो बुरा हो, दोस्त का साथ जरूर चाहता है|

लेकिन आज हम बात करेंगे कुछ ऐसे दोस्ती के रिश्तों की जो कभी बहुत अच्छे हुआ करते थे लेकिन आज नहीं है तो क्या हम इस मित्रता दिवस पर कुछ प्रयास करके उस रिश्ते को ठीक करने की कोशिश कर सकते हैं जैसे हमारा कोई पुराना दोस्त जिससे हमने लम्बे समय से बात नहीं की है, क्या उससे मिलकर या कॉल करके बातें कर सकते हैं ?

क्या हम याद कर सकते हैं कि कोई हमारा पुराना दोस्त जो बहुत अच्छा हुआ करता था लेकिन किसी गलतफहमी, गुस्से या किसी अन्य कारणों से अगर वह आज हमारे साथ नहीं है तो उसे माफ करके यहां माफी मांग कर वापस अपनी दोस्ती को ठीक कर सकते हैं? 

कोई हमारा दोस्त है लेकिन साथ ही मन में उसके लिए कटुता भी है तो क्या हम उस कटुता भरे रिश्ते को एक साफ- सुथरे  रिश्ते में मन से बदल सकते हैं? 

क्या इस दिवस पर हम यह कह सकते हैं कि जो भी और जितने भी हमारे मित्र हैं, निस्वार्थ भाव से हम उनके साथ जुड़े हैं और अगर कोई स्वार्थ नजर आए तो क्या उसे त्याग कर अपने रिश्ते को और मजबूत कर सकते हैं क्योंकि स्वार्थ से जुड़ा रिश्ता स्वार्थ की पूर्ति न होने पर कभी भी टूट सकता है तो यहां एक बात बहुत महत्वपूर्ण है कि अगर वह व्यक्ति आपके लिए महत्वपूर्ण है और आप उसे भविष्य में खोना नहीं चाहते हैं तो उस रिश्ते को बचा लीजिए|

 ध्यान रखिए "अगर व्यक्ति महत्वपूर्ण है तो बात को भूल जाइए और अगर बात महत्वपूर्ण है तो व्यक्ति को भूल जाइए"

यह सोच हमारी दोस्ती वाले रिश्ते को ज्यादा मजबूत और टिकाऊ बनाने का काम करेगी| इस दिवस पर हम देखें कि इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम इतने व्यस्त तो नहीं हो गए कि दोस्तों के लिए समय ही नहीं है दोस्तों के साथ समय बिताये, खुलकर हंसे, उस समय सारी बातें, सारी परेशानियां  भूलकर उस समय को इंजॉय कीजिए| दोस्तों को समय दें क्योंकि लंबे समय का गैप अपनेपन को खोने लगता है|

 लोग अक्सर कहते हैं कि लाइफ बहुत व्यस्त है समय नहीं मिलता तब कि हकीकत यह नहीं है समय को हम ठीक से मैनेज नहीं करना जानते, जहां से हमें भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति होती है वहां हम समय देते हैं और जो चीज़ हमको अंदर से आनंदित कर करती है उसे अनदेखा करने लगते हैं| तो यहां  सोचना यह है कि क्या वास्तव में हम सही बोल रहे हैं ? क्या वास्तव में हमारे पास समय नहीं है उस दोस्त के लिए या फिर झूठ की जिंदगी जीने को  फिर तैयार हो रहे है? 

आइये अपने जीवन के सबसे अच्छे दोस्ती के रिश्ते को अपना पन दे|

- सुमन सिंह इटारसी

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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