काव्य : नटखट नंदलाला
आई आई शुभ घड़ी आई, वृंदावन धाम रे।
यशोदा घर बजे शहनाई, कन्हैया नाम रे।
नटखट नंदलालो कान्हो नंद घर आयो रे।
राधा संग गोपिया नाची, मुरली मधुर बजायो।
गोकुल में बंटे मिठाई, दे रहे सब जन खूब बधाई।
आयो माधव मुरली वालो, एक लहर खुशी की छाई।
आई आई शुभ घड़ी आई..…
ग्वाल बाल संग सखा सारे, उत्सव मौज मनाएं।
नरनारी सब सज धज आये, मंगल गीत सुनाए।
होठों पर सबके मुस्काने, धरा बहुत हरषायी
केशव मुरली मोहन प्यारे, मधुर बहे पुरवाई।
आई आई शुभ घड़ी आई,..….
लीलाधारी तेरी लीला, सारे जग से न्यारी।
इस दुनिया का तू रखवाला, तू है प्रेम पुजारी।
तेरी बंसी पर झूमे जग, मधुवन ले अंगड़ाई।
बहे प्रेम की पावन धारा, खुशियां घर-घर छाई।
आई आई शुभ घड़ी आई......
- रमाकांत सोनी नवलगढ़
जिला झुंझुनू राजस्थान
रचना स्वरचित व मौलिक है
Tags:
काव्य