काव्य : कृष्ण जन्माष्टमी
आजा आजा रे कान्हा
तुझे राधिका बुलाये
कहाँ छुप गया तु
अब तो मुखड़ा दिखादे
आजा आजा रे कान्हा
तुझे गोपिया बुलाये
लाज उनकी बचाने
साथ उनका निभाने
आजा आजा रे कान्हा
तुझे यशोदा पुकारे
मात पिता का मान बढ़ाने
उन्हे वृध्दाश्रम से छुड़ाने
आजा आजा रे कान्हा
क्यु तु नखरे दिखाये
अपने दरश करादे
सबको चेन दिलाने
आजा आजा रे कान्हा
-चन्दा डांगी रेकी ग्रैंडमास्टर
मंदसौर मध्यप्रदेश
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