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सही समझ व भाव के साथ संबंध में जीना आनंद को बढ़ाता है :जिला योग प्रभारी चाकणकर ने सीएम रायज विद्यालय कन्या ग्वालियर में यूएचवी कक्षा का किया अवलोकन


सही समझ व भाव के साथ संबंध में जीना आनंद को बढ़ाता है :जिला योग प्रभारी चाकणकर ने सीएम रायज विद्यालय कन्या ग्वालियर में यूएचवी कक्षा का किया अवलोकन        

 ग्वालियर।  मानव मूलतः: स्वयं, परिवार, समाज तथा शेष प्रकृति के साथ कार्य व्यवहार करता है। इन चारों ही आयामों में एक व्यवस्था काम करती है। इस व्यवस्था को समझ कर उसके अनुकूल जीवन जिया जाये तो आनंद में रहा जा सकता है । इनके बारे में यदि व्यक्ति की समझ स्पष्ट हो तो वह अपने आचरण को निश्चित कर सकता है। सही समझ के साथ व्यक्ति चारों व्यवस्था में सह-अस्तित्व के साथ में निरंतर आनंद में रह सकता है।  बात जिला योग प्रभारी दिनेश चाकणकर ने शासकीय उमावि कन्या ग्वालियर में यूएचवी कक्षा के अवलोकन के  दौरान व्यक्त किये

   श्री चाकणकर ने कहा कि हो सकता है कि आप बाहर से तो समृद्ध हो जाएं और भीतर से कंगाल रह जाएं,इसका उल्टा भी हो सकता है। आप बाहर से तो कंगाल हो जाएं लेकिन भीतर से समृद्ध।

       इसे समझने के लिए मूलतः: हमें सुविधा, संबंध तथा समझ के महत्व व प्राथमिकता को स्पष्ट करना होगा। सुविधा अर्थात भौतिक साधन, धन, पद ऐश्वर्य आदि के पीछे भागकर उसके माध्यम से आनंद की प्राप्ति की संभावना बहुत ही सीमित है। इसके अनेक उदाहरण हैं - सुविधा संपन्न लोग, जिनके पास धन-दौलत, पद, प्रतिष्ठा सब है,लेकिन वे आनंद में नहीं हैं। ऐसे में संबंध का महत्व आनंद के लिए स्पष्ट होता है। सही समझ व भाव के साथ संबंध में जीना आनंद को बढ़ाता है।                    

सीएम राइस पटेल में सीसीएलई प्रार्थना सभा काअवलोकन    

  शासकीय उमावि पटेल सीएम राइस में सीसीएलई प्रार्थना सभा का अवलोकन करते हुए श्री चाकणकर ने कहा कि   प्रार्थना सभा  विद्यालयों में एक महत्वपूर्ण और आध्यात्मिक गतिविधि है जो छात्रों को एक साथ मिलकर उनके आत्मा को नैतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से संजीवनी देती है। इसका मुख्य उद्देश्य छात्रों को एक सामूहिक रूप से सजग और संरचित बनाना है, जिससे उन्हें समर्पितता और सामरिकता की भावना पैदा होती है। प्रार्थना सभा छात्रों को एक ऐसे माहौल में प्रदान करती है जो उनके आत्मिक और सामाजिक विकास को समर्थन करता है और उन्हें सजग नागरिक बनने में मदद करता है।इस सभा के माध्यम से छात्रों को समय की प्रबंधन, ध्यान, और एक-दूसरे के साथ संवाद करने का मौका मिलता है। यह उन्हें सामूहिक भावना और साहस की भावना से समृद्धि करने में मदद करता है।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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