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पर्यावरणीय गतिशीलता में रहा हमारा मुल्क -मुकेश तिवारी ,वरिष्ठ पत्रकार ग्वालियर


 

पर्यावरणीय गतिशीलता में रहा हमारा मुल्क 

      -मुकेश तिवारी ,वरिष्ठ पत्रकार 

ग्वालियर

     प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े कानूनी प्रकरणों के निपटारे के लिए बना राष्ट्रीय हरित प्राधिकार - एनजीटी इस बार भी प्रकृति और विकास में सामंजस्य बैठता दृष्टि गोचर हुआ ,जिसमें सरकार के ताजा एनवायरमेंटल इंपैक्ट असेसमेंट ईआईए  नोटिफिकेशन पर बंदिश प्रमुख हैं, जहां ईआईए के मूल प्रावधानों को हल्का और अप्रभावी करने के लिए एजेंसियां कटघरे में है, यहां तक कि एनजीटी ने पर्यावरण संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तालाबों के सौंदर्यीकरण के  नाम पर उन्हें ईटऔर कंक्रीट से पाट  देने की तेजी से बढ़ती प्रवृत्ति को आड़े हाथों  लिया , इसी साल 18-19नवम्बर को ब्राज़ील शहर के रियो डी जेनेरियो होने वाली जी 20 बैठक में हिस्सा लेने आ रहे मेहमानों की मेजबानी के लिए तैयार ब्राज़ील शहर का रियो डी जेनेरियो पर्यावरण, स्वास्थ्य और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर विकसित देशों के साथ बेहतर तालमेल बनाने कि कोशिश करेगा ।

पृथ्वी को सदैव किसी न किसी रूप में मानव जनित संकटों का सामना करना पड़ता है ,बीते कुछ वर्षों में बाढ़, सूखा, चक्रवात, बर्फीली आंधी के रूप में पृथ्वी की सिसकियां  सुनाई दी ,प्रदूषण के साथ संसाधनों का दोहन किस हद तक किया जा सकता है, की मानसिकता ने मानवता पर सवालिया निशान भी लगाया, भारत इस वर्ष मौसम की दृष्टि से चरम वर्ष का गवाह  बना, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 241 दिनों तक चरम मौसम की घटनाएं घटित हुई ,

एक गंभीर तस्वीर पेश करते हुए इसमें कहा गया कि देश ने पहले 9 महीनों में तकरीबन हर दिन एक आपदा देखी ,मसलन  गर्मी और शीत लहरों, चक्रवात ,बिजली से लेकर भारी बारिश बाढ़ और भूस्खलन  तक इन

आपदाओं में 3000 लोग से भी अधिक लोगों की जान गई 1.8 मिलियन हेक्टर फसल क्षेत्र को प्रभावित किया, अनवरत बर्षा से आई भीषण बाढ़ ने 416.667घरों को पूर्ण तौर पर नष्ट कर दिया और तकरीबन 75,000पशुओ को मार डाला, मुंबई जैसे महानगर और छोटे छोटे शहरों में तेजी से गिरती वायु गुणवत्ता के स्तर ने प्रशासन और पर्यावरणविद् के ललाट पर चिंता की लकीरें उभर दी,

भारत जैसे देश के दैनिक जीवन में पर्यावरण संरक्षण की सोच और स्टोकहोम कन्वेंशन के पांच दशक पूर्ण होने पर कन्वेंशन के उदूदेश्यों और लक्ष्यों को हमारे देश ने स्मरण रखा जो फर्क की बात है 2022और 2023 में दुनिया भर के देश संयुक्त राष्ट्र के दो सबसे बड़े शिखर सम्मेलनों सीओपी 27और सीओपी 15में शामिल हुए , जहां नीले ग्रह को बचाने पर्यावरण को होने वाली क्षति को सीमित करने और जैव विविधता को बचाने के तरीकों को खोजा गया, सभी देश इस तथ्य को स्वीकार करने के लिए एक साथ आए कि विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से हुए नुकसान की भरपाई के लिए पृथक से धन की आवश्यकता है , इस बीच जैवविविधता शिखर सम्मेलन सीओपी 15में इस दशक के अंत तक दुनिया की 30 प्रतिशत भूमि और समुंद्रौ की रक्षा के सौदे के सबसे ऊंचे लक्ष्य के करीब आम सहमति बनाने में कामयाब रहे,

   सीओपी 27और सीओपी 15  जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नये कदम है, भारत ने सीओपी 27मेंहिस्सा  लिया , जिसमें एल आईएफई पर्यावरण के लिए जीवन शैली के वैश्विक आहवान को मुख्यधारा में लाने पर खासतौर से ध्यान केंद्रित किया गया, भारत ने शून्य उत्सर्जन गतिशीलता की और एक कदम और बढ़ा , जिससे कारपोरेट घरानों की संख्या बढ़ाकर 130हो गई, शून्य का लक्ष्य भारत में राइट -हेलिग और डिलिवरी क्षेत्र के लिए ईवी अपनाने का पैमाना है, इसके चार साल पहले लांच होने के बाद से इसने तकरीबन 90मिलियन शून्य डिलिवरी पूरी की है, और 15000टन से अधिक सीओ 2उत्सर्जन 1.6टन पार्टिकुलेट मैटर उत्सर्जन से बचने केलिए 40मिलियन शून्य सवारी गाड़ी की है, डिलीवर इलेक्ट्रॉनिक दिल्ली पायलट,जिसे इस तेजी से बढ़ते भारतीय शहर को 2024मेंपंजीकृत नवीन वाहनों के 25प्रतिशत के लक्ष्य तक पहुंचन में सहयोग करने के लिए लागू किया गया था , ने दिल्ली में नये इलेक्ट्रॉनिक वाहनों की बिक्री को तीन गुना कर दिया, भारत प्लास्टिक प्रदूषण से अधिक प्रभावित मुल्को में से एक है जिससे इस भीषण समस्या से निजात पाने के लिए भारत सरकार ने 2022में स्टाॅ, कटलरी,ईयरबडस, पैकेजिंग फिल्मों सहित उन्नीस एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के इस्तेमाल पर प्रतिबंधित लगा दिया गया है, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियों गुटेरेस के मुताबिक भारत का प्रथम सौर ऊर्जा संचालित गांव मानव जाति और ग्रह के मध्य सामंजस्य का अनूठा उदाहरण स्थापित कर रहा है,तीन साल पहले संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने भारत की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान गुजरात के मोढेरा का दौरा किया था,2021में प्रारंभ की गई एक और सौर ऊर्जा परियोजना ने हजारों लोगों के घरों को बिजली से रोशन किया है, भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल करके विश्व में चौथा स्थान हासिल किया है , वहीं दूसरी ओर विश्व बैंक द्वारा जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक में भारत सबसे नीचे पायदान पर रहा है, इसका तात्पर्य है कि भारत विश्व के उन देशों में शामिल हैं,जिनका पर्यावरण स्वास्थ्य की द्वष्टि से सबसे ज्यादा खराब है, हालांकि सुकून की बात यह है कि जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक में पिछले साल भारत का स्थान आठवा रहा, प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े कानूनी प्रकरणों के निपटारे के लिए बना राष्ट्रीय हरित प्राधिकार एनजीटी इस मर्तबा भी प्रकृति और विकास में सामंजस्य स्थापित करता दिखाई दिया, जिसमें सरकार द्वारा एनवायरमेंट इंपैक्ट असेसमेंट ईआईए नोटिफिकेशन पर रोक प्रमुख हैं, जहां ईआईए के मूल प्रावधानों को लचीला और अप्रभावी करने केलिए एजेंसियां जहां ईआईए के मूल प्रावधानों को हल्का और अप्रभावी करने के लिए एजेंसियां कटघरे में है 

लेखक के विषय में -

(मध्यप्रदेश शासन से मान्यता प्राप्त स्वतंत्र पत्रकार) 

मोबाइल नंबर 8878172777

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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