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काव्य : गणपति बप्पा - सत्येंद्र सिंह , पुणे


 काव्य : 

गणपति बप्पा


महाराष्ट्र में गणेश हैं गणपति बप्पा

घोष वाक्य मोरया गणपति बप्पा।


घर घर आते हैं, विराजते हैं बप्पा

अथर्व शीर्ष में गाए जाते हैं बप्पा।


प्रथम पूज्य हैं पार्वती सुत बप्पा

मूल आधार हैं शिव पुत्र बप्पा।


ॐकार स्वरूप हैं सबके प्रिय बप्पा

ब्रह्म स्वरूप सबके रक्षक हैं बप्पा।


विघ्न विनाशक हैं विनायक बप्पा

सुख प्रदायक मोदक प्रिय हैं बप्पा।


सबके आराध्य सबके पूज्य बप्पा

अगले वर्ष जल्दी आ गणपति बप्पा।


करो कृपा सब पर हे गणपति बप्पा

तुम्हारी शरण आए हम गणेश बप्पा।


    -  सत्येंद्र सिंह , पुणे

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

1 Comments

  1. बाप्पा गणेश जी के ऊपर सुंदर रचना

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