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जीवन की मूल्यवान निधि - प्रदीप छाजेड़ बोरावड़



 जीवन की मूल्यवान निधि

    हमारे जीवन की सबसे मूल्यवान निधि अगर कुछ है तो वह मन की शांति है | कहते भी है कि जिसका मन शांत है उसने जीवन में सबकुछ पा लिया ।  जिंदगी एक पन्ने की तरह है, जिसके कुछ अक्षर फूलों से लिखे गए हैं, कुछ अक्षर अंगारों से लिखे गए हैं। उसी तरह जीवन में कभी खुशी और कभी ग़म आते जाते रहते हैं। जीवन  किसी का भी एक जैसा नहीं होता है। जीवन में मान-अपमान,हर्ष-विषाद,लाभ-अलाभ, जीवन-मृत्यु ,सुख-दुख आदि में सम रहना ही जिंदगी है। समस्याएं जीवन का एक हिस्सा है। जीवन में आई समस्याओं से भागने की अपेक्षा शांत मन से मनन करके समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए। मनुष्य में तन की शक्ति के साथ साथ मन की शक्ति का भी होना बहुत जरूरी है। इस दुनिया में कोई भी समस्या ऐसी नहीं है जो मन की शक्ति से अधिक शक्तिशाली हो तथा जिसका समाधान ना हो। जहां चाह होती है वहां राह भी हमेशा होती है। इसलिये अनुकूल परिस्थितियां आने पर खुश व प्रतिकूल परिस्थितियां आने पर  दुखी होने के बजाय मन को विचलित ना करते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण रखना बहुत जरूरी है। हमारा जीवन मंद - मंद बयार से शांत सौम्य होना चाहिए प्रचंड आवेगों संवेगों पर नियंत्रण होना चाहिए हम आत्मा में रमण करते हुए परम आनंद की अनुभूति करते रहे | हम अनुकूल व प्रतिकूल दोंनो में संतोष रखें,सुख का संबंध साधनों व धन से नही होता, जिसका मन संतुष्ट उसके लिए सब जगह संपदा होती है|

  - प्रदीप छाजेड़  बोरावड़

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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