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काव्य : 'रावण उवाच - रजनीश मिश्र 'दीपक' खुटार


 काव्य : 

'रावण उवाच     

  प्रश्न करे रावण जनता से, मुझको बाद जलाइये। 

पहले कुछ प्रश्नों के मेरे, उत्तर तुम ले आइये। 

कौन राम है आज आप में ,कौन लखन हनुमान है। 

क्या सौवें अंश बराबर भी, तुममे इनकी शान है। 

मुझे मार सकता है केवल, रामादल का वीर ही,

लक्ष्मण जैसा महातपस्वी, और राम सा धीर ही। 

तुम तो सारे मेरे जैसे, कुछ मेरे भी बाप हो।

लेकर छुरा बगल में फिरते,करते निस दिन पाप हो। 

मन के भीतर मुझको रखकर, मेरा रूप जला रहे।

 देकर धोखा खुद को ही तुम, अपना आप गँवा रहे। 

मुझे मिटाना है यदि तो तुम, मन में राम बिठाइये।

 फिर बाहर भीतर के अपने,रावण सभी जलाइये।       

    - रजनीश मिश्र 'दीपक' खुटार शाहजहांपुर उप्र

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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