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वर्ष 2024 के अंत में शुक्र शनिचर का योग : आगामी एक माह संवेदनशील -पंडित विनोद गौतम ,भोपाल


 

वर्ष 2024 के अंत में शुक्र शनिचर का योग : आगामी एक माह संवेदनशील 

 शुक्र शनिचर  की युति षड्यंती योग का निर्माण करती है:पांच ग्रह वक्रस्थिति में उल्टी चाल चलेंगे

भोपाल। शुक्र शनिचर की युति के प्रभाव से षड्यंत्री योग का निर्माण हो रहा है वर्ष के अंत में 28 दिसंबर शनिवार की रात्रि 7:30 पर शुक्र के शनि की राशि कुंभ में परिवर्तन करने से स्वराशि कुंभ  में बैठे शनि की युति होगी। शुक्र -शनि की युति का प्रभाव आगामी 29 जनवरी 2025 तक रहेगा। यह समय राष्ट्र के लिए संवेदनशील है ,गौरतलब है कि इस बार प्रयागराज में कुंभों का कुंभ , पूर्ण महाकुंभ हो रहा है जो की 12 वें कुंभ होने पर पूर्ण महाकुंभ होता है यह योग 36 वर्ष बाद आता है शुक्र शनिचर के षड्यंत्री योग का प्रभाव सनातनी एकता के त्यौहार में खलल पैदा कर सकता है, इसकी गवाही पांच अन्य वक्री ग्रह भी दे रहे हैं मंगल नीच राशि कर्क में  वक्री, बुध वृश्चिक में वक्री,,गुरु शत्रु राशि ब्रृष में वक्री,राहु शत्रु राशि गुरु में वक्री, केतु कन्या में वक्री स्थिति में चल रहे हैं। अतः विशेष सावधानी की आवश्यकता है।

 ज्योतिष मठ संस्थान के संचालक पंडित विनोद गौतम ने बताया 28 वर्ष बाद कुंभ राशि पर शुक्र -शनिचर की युति बनी है साथ ही आगामी समय 2025 में शनि- राहु का आमना सामना बहुत ही करीब से होगा शनि कुंभ राशि से मीन राशि में जा रहे होंगे इस दौरान राहु मीन राशि से कुंभ राशि में लौट रहे होंगे यह योग भी 32 वर्ष बाद निर्मित हो रहा है।

 उपरोक्त ग्रहों की विवेचना के फलस्वरुप आगामी एक माह राष्ट्र के लिए बेहद संवेदनशील रहेंगे, साथ ही विश्व में संघर्ष एवं टकराव जैसी स्थितियां निर्मित हो सकती हैं ।शुक्र -शनि का योग संक्रमण रोग पेट मूत्र से संबंधित बीमारियां बढ़ाने में सहायक है यह गुप्त महामारी का संकेत है। शनि, राहु का आमना सामना होते ही विश्व में टकराव बढ़ेगा, यह विध्वंसक योग का निर्माण कर देश दुनिया में अशांति का कारक बनेगा‌। जाते-जाते 2024 ई उपरोक्त महा षड्यंती योग का निर्माण कर विदा होने जा रहा है। इस योग की छाया का प्रभाव 2025 ई के पूर्वाद्ध में परिलक्षित होगा।

ज्योतिषाचार्य 

पंडित विनोद गौतम 


ज्योतिष मठ  संस्थान भोपाल

 9827 322068


देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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