तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा का देश व्यापी संदेश देने सागर पहुंचे 15 बाइकर्स का हुआ सागर में भव्य स्वागत
सागर । 15 तिब्बती युवाओं ने बाइक से देशव्यापी भ्रमण कर तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा का संदेश देने तवांग अरुणाचल प्रदेश से राजघाट नई दिल्ली तक की यात्रा का संकल्प लेकर सागर पहुंचे, जहां तिब्बत गरम कपड़ा व्यापारी संघ एवं भारत तिब्बत मैत्री संघ के संरक्षक श्रीमंत सेठ सुरेश कुमार जैन की अध्यक्षता, आचार्य पंडित महेश दत्त त्रिपाठी महामंत्री भारत तिब्बत मैत्री संघ एवं सुबोध मलैया समाजसेवी के विशिष्ट आतिथ्य में एक वृहद सभा में सभी बाइकर्स का पुष्पमालाओं से भव्य स्वागत किया गया। थुंदुप तेनज़िंग ने मंच संचालन किया, तिब्बती युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं टीम लीडर गोंयो दुंदुप ने कहा कि हमारे यह साथी संपूर्ण भारतवर्ष के 20 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में बाइक से भ्रमण कर तिब्बत की स्वतंत्रता और भारत के साथ मैत्री पूर्ण संबंध की बात को लेकर जनता जनार्दन को बताने निकले हैं कि तिब्बतियों के साथ जिस निर्दयतापूर्ण ढंग से चीन के द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है ऐसा अन्याय दुनिया के इतिहास में बहुत कम है। तिब्बती आंदोलन के वरिष्ठ नेता आचार्य महेश त्रिपाठी साहित्यकार ने कविताएं सुनाते हुए कहा कि 2000 वर्षों से भी अधिक समय तक तिब्बत एक स्वतंत्र देश के रूप में भारत व चीन के मध्य रहा है लेकिन 1949 से 1959 तक साम्यवादी चीन ने तिब्बत पर अवैध कब्जा करके वहां की मठ, मंदिर, संस्कृति को नष्ट करने का कुत्शित प्रयास किया जिससे नोबेल पुरस्कार विजेता परम पावन दलाई लामा भारत में रह रहे हैं। आज सनातनी हिंदुओं ने भगवान शिव के प्रकट भगवान शिव के प्रकट स्थल कैलाश पर्वत मानसरोवर यात्रा चीन के द्वारा बाधित है तिब्बत जिसे विश्व की छत कहा जाता है वहां पर चीन द्वारा वन पेड़ पौधे जीव जंतु खनिज तथा जल संसाधन जैसे पर्यावरणीय विनाश के साथ ही ब्रह्मपुत्र जैसी बड़ी नदी के मार्ग को बदलने वहां बड़े बड़े डैम बनने से भारत को बड़ा खतरा भविष्य में किया जा रहा है। हमारी मांग है कि परम पावन दलाई लामा को भारत रत्न देने, संसद में ससम्मान आमंत्रित करने, हमारे देश की संसद के माननीय सदस्य पहल करें और एक दिन हमारी तिब्बती भाई-बहन निर्वाशन से मुक्त होकर राजधानी ल्हासा मे अपनी मातृभूमि में पहुंचे। त्रिपाठी ने कहा कि तिब्बती समुदाय ने अपनी अद्भुत संस्कृति तथा आध्यात्मिक विरासत की रक्षा एवं अपने न्याय पूर्ण अधिकार की प्राप्ति के संदर्भ में वैचारिक प्रतिबद्धता समर्पण, साहस, धीरज का प्रसंसनीय परिचय दिया है इसलिए इस कपकपाती ठंड में निकले इन तिब्बती युवाओं का हम सब सागर वासी दिल से स्वागत करते हैं। श्रीमान सुरेश श्रीमंत सुरेश जैन, सुबोध मलैया, दामोदर अग्निहोत्री एवं के के खरे एडवोकेट कपिल स्वामी, पहलवान विट्टू आदि ने भी तिब्बत की आजादी के लिए जुड़े प्रसंग सुनाए। इस अवसर पर तिब्बती गर्म कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष डोलमा जी सहित शहर के गण मान्य माननीय नागरिक पुरुषोत्तम उपाध्याय, दमोह से अजीत कटारिया एवं कवि साहित्यकार भी उपस्थित रहे। सुबोध मलैया ने आभार प्रदर्शन किया। भारत तिब्बत मैत्री अमर रहे के नारों से आकाश गुंजायमान हुआ।