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लघुकथा शोध केंद्र समिति भोपाल के पुस्तक पख़वाड़े का समापन हुआ


 

विचार धारा से मुक्ति पाकर ही श्रेष्ठ सृजन सम्भव-संतोष चौबे

साहित्यकार के लिये प्रतिबद्धता नहीं प्रतिबुद्धता ज़रूरी -प्रो.बी.एल. आच्छा 

लघुकथा शोध केंद्र समिति भोपाल के पुस्तक पख़वाड़े का समापन हुआ

भोपाल | ' लेखक को किसी विचार धारा के प्रतिबद्ध होने की अपेक्षा उसका प्रतिबुद्ध होना ज़रूरी है,अपने समय और भाषा का अतिक्रमण करने वाला साहित्यकार ही श्रेष्ठ साहित्य सृजन करता है, मानवीय अर्थवत्ता ही हमारे सृजन में हो करुणा दया संवेदनशीलता हमारे जीवन मूल्य हों | ' यह उदगार हैं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बी. एल. आच्छा (चेन्नई ) के जो लघुकथा शोध केंद्र समिति भोपाल द्वारा आयोजित पुस्तक पख़वाड़े में वरिष्ठ कवि कथाकार संतोष चौबे की कृतियों पर आयोजित विमर्श की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे |

इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए लेखक संतोष चौबे ने कहा ' विचार धाराओं से मुक्ति पाकर ही हम सार्थक लेखन कर सकते हैं, हमारे साहित्य की आलोचना में नीरस, उबाऊ और शुष्क भाव क्यों इसे परम्परागत ढांचे से मुक्तकर जीवंत और सरस बनाने के प्रयास होना चाहिए |'

इस अवसर पर 'कहानी का रास्ता ' पुस्तक पर विमर्श करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार और समीक्षक गोकुल सोनी ने कहा की चौबे ज़ी की यह कृति कहानियों को समग्रता से समझने का रास्ता खोलती है, यह कृति कहानी लेखकों, समीक्षकों, शोधार्थियों के लिये नया मार्ग प्रशस्त करती है | 

दूसरी समीक्षित कृति 'परम्परा और आधुनिकता ' निबंध संग्रह पर चर्चा करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार कांता रॉय ने कहा की इन निबंधों में परम्परा के साथ आधुनिकता का सुन्दर सम्मिश्रण है, वैज्ञानिक चेतना के साथ हमारी परम्परा और संस्कृति को समृद्ध करने, संघर्ष नहीं सहअस्तित्व के साथ समन्वय के मार्ग पर चलने की बात प्रभावी ढंग से रखी गई है |

 कार्यक्रम का सफल और सरस संचालन केंद्र के सचिव घनश्याम मैथिल 'अमृत ' ने किया और अंत में मंचस्थ अतिथियों और समस्त श्रोताओं का आभार केंद्र की निदेशक कांता रॉय ने प्रकट किया और पुस्तक पखवाड़े को सफलता पूर्वक सम्पूर्ण करने में सभी के योगदान की सराहना करते हुए आभार प्रकट किया |

घनश्याम मैथिल अमृत

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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