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विवेकानंद जंयती पर युवा काव्य महोत्सव एंव सम्मान समारोह सम्पन्न : शाम तक कवियों ने बांधा समां, श्रोता हुए भाव विभोर


 

विवेकानंद जंयती पर युवा काव्य महोत्सव एंव सम्मान समारोह सम्पन्न : शाम तक कवियों ने बांधा समां, श्रोता हुए भाव विभोर

     नर्मदापुरम। स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर नर्मदा आव्हान सेवा समिति नर्मदापुरम व्दारा अखिल भारतीय काव्य महोत्सव, सम्मान समारोह (कवि सम्मेलन) में मुख्य अतिथि के रूप में मालती राय महापौर नगर निगम भोपाल,विशिष्ट अतिथियों मे सुरेंद्र सौलंकी प्रदेश संगठन मंत्री सेवा भारती,वरिष्ठ साहित्यकार श्रीमती कांति श्रीवास्तव,दिनेश याज्ञनिक तथा प्रदेश के वरिष्ठ मंच संचालक कौशल सक्सेना की अध्यक्षता में अनूठा आयोजन अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

    कवि सम्मेलन देर शाम तक जारी रहा। देश के विभिन्न अंचलों से आए 35 युवा कवियों ने अपनी कविता, गीत, गजल ,ओज,हास्य,व्यंग्य की रचनाओं से भाव विभोर कर दिया।

    मुख्यातिथि महापौर मालती राय जी ने मुक्त कंठ से कार्यक्रम कि सराहना कि और कहा कि यूनेस्को द्वारा भोपाल को साहित्य नगरी घोषित किए जाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इस उपलब्धि से भोपाल शहर का गौरव बढ़ेगा। आने वाले समय में भोपाल विश्व का साहित्यिक और सांस्कृतिक केंद्र बनेगा,साथ ही कवियों और साहित्यकारों को भोपाल में ही साहित्यिक गतिविधियों के लिए समुचित व्यवस्था उपलब्ध करवाई जा सकें इस दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने आयोजक केप्टिन करैया को बधाई देते हुए कहां की ऐसे आयोजन होते रहना चाहिए।  विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र सौलंकी ने कहा कि युवाओं के प्रेरणा श्रोता विवेकानंद जयंती पर शुभकामनाएं देते हुऐ कहा की ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं,वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है।

    अध्यक्षता करते हुऐ कौशल सक्सेना ने कहा की कवियों- लेखकों के माध्यम से हमारे देश में जागरूकता में तेजी आई है।उन्होंने ने कहाँ देश मे एक मात्र नर्मदा आव्हान सेवा समिति ही ऐसी संस्था है जो निशुल्क कवि समागम करती है।स्वागत भाषण कैप्टिन करैया ने दिया।

     अतिथि एवं कवियों का स्वागत केप्टिन करैया,हंस राय, डाँ. अशोक आजाद, सुनील केहरी, कुमार नितेश नैश,सुनीता पटैल डाँ.लीना सिंह परिहार,डाँ.प्रतिभा पटैल ने फूल-मालाओं से किया। मां सरस्वती की पूजा अर्चना एंव स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर फूलमालाओं से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। सरस्वती वंदना नरसिंहपुर से आई मेघा मिश्रा की प्रस्तुति से सम्मेलन का प्रारंभ हुआ। कवि सम्मेलन दो सत्रों मे किया गया। प्रथम सत्र का कुशल संचालन सुनीता पटैल ने द्वितीय सत्र का सफल संचालन सुनील केहरी ने किया।अतिथो की उपस्थिति मे नर्मदा आव्हान सेवा समिति के पदाधिकारियों ने युवा कवियों को शाल श्री फल,स्मृति चिन्ह युवा शब्द साधक प्रमाण पत्र से सम्मानित किया।

     नागपुर  से आयी माधुरी मिश्रा ने'जय हो धर्म सनातन'

जय हो धर्म सनातन, 

जय भारत का कण-कण।

आध्यात्म, योग में विश्व-गुरु, 

भारत लहराए परचम...॥ 

जय हो खूब सराहा।   छिंदवाड़ा के जय सांवरा ने "आशीष से उसके सफल सारे काम हो गए हासिल  मुझकों मेरे सारे मक़ाम हो गए तीर्थों में जाने के बजाय चूम लेता हूं माँ के चरण,मन को लगता है "सांवरा" की चारों धाम हो गए" खूब वाहवाही लूटी ।                     

कुशल संचालन कर रही भोपाल की सुनीता पटैल ने

"है जिनके कंठ में बहती सदा, कविता सुर ताल में 

सदा करते सृजन कविता का ही,ख़्वाब-ओ-खयाल में 

कि जिनके शीश पर आशीष है, शारद भवानी का 

काव्य कुल दीपकों सुस्वागतम, सुंदर भोपाल में "

इन पंक्तियों के साथ कार्यक्रम का संचालन कर रही सुनीता पटेल ने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर में, नर्मदा आवाहन समिति द्वारा भव्य  आयोजित कार्यक्रम में देश के विभिन्न अंचलों से आए युवा कवियों का स्वागत किया। 

   रायसेन से आये अतुल अलंकार ने

"दुश्मन को दुश्मन के घर मे ठोका उसने जाकर ।

भारत माता धन्य हो गयी चौकीदार को पाकर

दुनियां के हर मुल्क में जिसकी होती जयजयकार।नही सोया है चौकीदार,नही सोया है चौकीदार" पर भारत माता,वंदे मातरम् के खूब नारे लगे।बैतूल के दीपक यदुवंशी ने "अपने ही इशारों से उसने चंदा सूरज तक को चलाया है! अपने ही संचालन में उसने महाभारत का युद्ध रचाया है! तोड़ने इंद्र का घमंड रखने,ग्वालवंशियो का मान दीपक,मुरली बजाने वाले हाथों ने एक अंगुली पर गोवर्धन उठाया है।" खूब सराही गई।नर्मदपुरम के नवीन हरियाले की रचनाओं मे "मां से लिपट रोते रहे बच्चे,और मां दुनिया छोड़ चुकी थी"। पर श्रोताओं ने खूब ताली बजाई,

भोपाल की चौधरी वंदना पटैल ने "सदा से ही रही है इस जगत में श्रेष्ठतम नारी"।खुशी कम ही मिली हिस्से में उसके गम रहे भारी।थपेड़े वक्त के चुपचाप सहती नित नये हर पल,लड़े हैं शान से जीवन में लेकिन वह नहीं हारी"।नरसिंहपुर की मेघा मिश्रा "जो पराया है अपना बनाते रहे हर घड़ी वो हमें आजमाते रहे दौर यूंही कहानी के चलते रहे दिल लगाते रहे खदिल दुखाते रहे" प्रस्तुत की। 

   इसी के साथ मौसम कुमरावत बैगलोर,डाँ. मनीषा गिरी दिल्ली,अनामिका चौकसे नरसिंहपुर,राशि मिश्रा नागपुर,आदित्य मुकाती खरगोन, हरिओम गुप्ता भोपाल,महेश सुर्दशन मिश्रा कोतमा, रहेश वर्मा,सावन कुमार हरदा, चौरई,दीपक मेहरा देवनगर,विनीता धाकड़ बरेली, आशीष चौहान ,जितेंद्र सिंह ठाकुर बाड़ी,यशवंत निरिया छिंदवाड़ा रजनी टाटस्कर,सुमन कुशवाहा भोपाल सहित  अन्य कवियों 

 ने देर शाम तक श्रोताओं को खूब गुदगुदाय एवं लोट पोट करते हुए बांधे रखा।कार्यक्रम का संचालन कुमार नितेश नैश एंव आभार प्रर्दशन हंस राय ने दिया।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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