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काव्य : सरस्वती पूजन दिवस बसंत पंचमी -एस के कपूर "श्री हंस", बरेली


 काव्य : 

सरस्वती पूजन दिवस बसंत पंचमी

।।विधा।।मुक्तक।।

*(1)*

शरद ऋतु अब  जाने लगी

हरियाली सी छाने  लगी है।

लगता ऋतु राज़ बसंत की

रुत अब कहींआने लगी है।।

माँ सरस्वती का आशीर्वाद 

अब पाना है  हम   सबको।

मन पतंग भी अब खुशियों

के हिलोरे  खाने  लगी   है।।

*(2)*

पत्ता - पत्ता  बूटा - बूटाअब

खिला -खिला सा तकता है।

धवल रश्मि       किरणों सा 

सूरज जैसे  अब  जगता है।।

मौसम चक्र में मन   भावन 

परिवर्तन अब  आया  जैसे।

ऋतुराज बसन्त काअवसर

अब आया  सा  लगता    है।।

 - एस के कपूर "श्री हंस", बरेली


देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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