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काव्य : जीवन का समन्वय - डाॅ. सुधा कुमारी , नई दिल्ली


 काव्य : 

जीवन का समन्वय


आगमन है चिर प्रतीक्षित 

जगत में ऋतु राज का,

जम गया हिम विंदु-सा 

श्रम स्वेद सारे काज का।


खिलेंगे आशा-सुमन

कोयल की कूक वसंत में,

धूप सतरंगी भरेगी 

ऊष्मा जीवंत में।


शीत सिखलाता महत्ता 

शांति की वह कौन है,

रजत है वाणी मुखर तो

स्वर्ण-सा मृदु मौन है।


हिमनदी सी श्वेत-वस्त्रा

धरा हरियाली पहन,

जब जगेगी खिलेंगे 

उपवन औ' गायेगा गगन।


दुख के झरने बहे तो

खुशियां भी बरसेंगी यहां,

यही है ऋतुरंग जीवन 

का समन्वय है जहां।


-डाॅ. सुधा कुमारी , नई दिल्ली

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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