मेरा सौभाग्य है कि मुझे झूलेलाल मंदिर में आने का मौका मिला-देवी चित्रलेखा
18 मार्च तक चक्करभाटा बिलासपुर में आयोजित होगा तीन दिवसीय 25 वां गादीनशीन कार्यक्रम
खंडवा। सिंधु अमर धाम आश्रम झुलेलाल नगर चक्करभाटा बिलासपुर, बाबा गुरूमुखदास सेवा समिति के तत्वावधान में आज 16 मार्च से होने वाले तीन दिवसीय 25 वे गादीनशीन आयोजन के दौरान वृंदावन से देवी चित्रलेखा जी के द्वारा बृज रस संवाद कथा का रसास्वादन कराएंगी। रविवार 15 मार्च को संध्या 5 बजे उनका आगमन श्री झुलेलाल मंदिर चक्करभाटा में हुआ। मन्दिर आगमन पर ढोल बाजे, आतिशबाजी के साथ उनका स्वागत किया गया इस अवसर पर बरखा भाभी मां के द्वारा फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया गया। श्री झुलेलाल महिला सखी सेवा एवं सिन्धी महिला मंडल के सदस्यों द्वारा उनकी आरती उतारी गई। संतलाल दास सांई जी ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया एवं मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान भगवान झूलेलाल साईं के दर्शन किए। साईं लालदास जी ने मंदिर में 50 वर्षों से प्रज्वलित अखंड ज्योति की महिमा से देवी चित्रलेखा को अवगत कराया।साथ ही मंदिर के संस्थापक बाबा गुरमुख दास साहेब जी के जीवन द्वारा दीन हीन के लिए किए गए कार्यों से अवगत कराया। इस अवसर पर देवी चित्रलेखा जी का शाल एवं फूलों की माला पहनाकर स्वागत किया , जिसमें रूप से प्रमुख है बोदरी नगर पालिका के पार्षद विजय भा अन्य पाषर्द गण, पूज्य सिंधी पंचायत चक्करभाटा के पदाधिकारी रियासती पंचायत के अध्यक्ष मनोहर लाल, पूज्य सिंधी पंचायत चकरभाटा के पूर्व अध्यक्ष प्रकाश जेसवानी, धर्मू भाई बाबा गुरमुख दास सेवा समिति की तरफ से भी उनका स्वागत किया गया। महिला मंडल महिला समिति के द्वारा भी स्वागत किया गया । इस अवसर पर देवी चित्रलेखा जी ने कहा कि सांई जी से उनकी भेंट पहले भी कई बार हो चुकी है, निमंत्रण भी मुझे मिला, लेकिन कुछ ना कुछ कारण वंश मौका नहीं मिल पा रहा था आने का, जैसे प्रभु की इच्छा नहीं थी, लेकिन अब ऐसा मौका मुझे मिला है की सांई जी इस मंदिर में जो सेवा दे रहे हैं उसके 25 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं उसके उपलक्ष्य में कार्यक्रम हो रहा है ऐसे सुनहरे मौके में मुझे झुलेलाल मंदिर में आने का मौका मिला है मैं अपने आप को भाग्यशाली समझती हूं और आप भक्तों का दर्शन करने का अवसर मिला है, जो प्यार, स्नेह है आप लोगों ने दिया है उसके लिए धन्यवाद। आज मैं आप सभी भक्तों को निमंत्रण देती हूं कि आज 16 से 18 मार्च तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय 25 वे गादीनशीन कार्यक्रम के दौरान भक्ति की गंगा प्रवाहित होगी। उसका रसपान करने हेतु आप सभी भक्त जन, सत्संग और संत समागम कार्यक्रम में जरूर पहुंचे।