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सूत्रधार साहित्यिक संस्था द्वारा पहलगाम हमले के पीड़ितों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित


सूत्रधार साहित्यिक संस्था द्वारा पहलगाम हमले के पीड़ितों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित 


हैदराबाद। सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था, हैदराबाद, भारत द्वारा 65 वीं मासिक गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। यहां पर जारी प्रेस विज्ञप्ति में संस्थापिका सरिता सुराणा ने बताया कि यह गोष्ठी पहलगाम हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित थी। उन्होंने गोष्ठी में उपस्थित सभी रचनाकारों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और वरिष्ठ गज़लकार श्रीमती सुनीता लुल्ला को गोष्ठी की अध्यक्षता करने हेतु मंच पर आमंत्रित किया। श्रीमती रिमझिम झा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से गोष्ठी का शुभारम्भ हुआ। प्रथम सत्र में दिवंगत आत्माओं की शान्ति हेतु दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। तत्पश्चात् सरिता सुराणा ने नए जुड़ने वाले सदस्यों- नवल अग्रवाल, रेखा अग्रवाल और शोभा देशपांडे को विशेष अतिथि के रूप में मंच पर आमंत्रित किया और संस्था के कार्यों की संक्षिप्त जानकारी प्रदान की।
हम सभी जानते हैं कि पहलगाम हमले के बाद देश की जनता में आक्रोश है, दुःख है और आतंकवादियों को मुँहतोड़ जवाब देने की बेताबी है। सभी रचनाकारों ने इसी आक्रोश को अपनी रचना का आधार बनाकर अपनी-अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। इस काव्य गोष्ठी में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर को विशेष रूप से याद किया गया और उनकी क्रांतिकारी रचनाओं का भी पाठ किया गया। इस गोष्ठी में संस्था की उपाध्यक्ष श्रीमती ज्योति गोलामुडी, सचिव आर्या झा, तृप्ति मिश्रा, रेखा अग्रवाल, शोभा देशपांडे, नवल अग्रवाल, बिनोद गिरि अनोखा, दर्शन सिंह, रिमझिम झा, अमिता श्रीवास्तव और सरिता सुराणा ने विभिन्न विधाओं में काव्य पाठ किया। सुनीता लुल्ला ने अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए सभी की भावपूर्ण रचनाओं की सराहना की और अपनी नज़्म और गज़ल प्रस्तुत की। सभी सहभागियों ने एकमत से पहलगाम हमले की निंदा की और शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। ज्योति गोलामुडी ने सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। 

रिपोर्ट 
सरिता सुराणा 
संस्थापिका 
सूत्रधार साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था 
हैदराबाद, भारत
देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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