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नवतपा एक खगोलीय घटना : साल मे 25 मई से 2 जून तक माना जाता है नवतपा – सारिका घारू


नवतपा एक खगोलीय घटना : साल मे 25 मई से 2 जून तक माना जाता है नवतपा – सारिका घारू

परिक्रमा करती पृथ्‍वी तय करती है नवतपा 

नर्मदापुरम । एक ओर जहां देश में तय समय से 8 दिन पहले मानसून के प्रवेश की सूचना है वहीं आज (रविवार 25 मई ) से आरंभ हो रहे नवतपा की चर्चा भी सोशल मीडिया और आमलोगों में है । इस बारे में जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्‍त सारिका घारू ने बताया कि नवतपा पृथ्‍वी के सूर्य के चारों ओर 365 दिन में परिक्रमा करने के कारण होने वाली कैलेंडर घटना है जिसमें हर साल 25 मई को पृथ्‍वी इस स्थिति में पहुंच जाती है कि यहां से देखने पर सूर्य के पीछे आकाश में रोहिणी तारामंडल की स्थिति आ जाती है । इसे कहा जाता है कि सूर्य रोहिणी में प्रवेश कर गया है ।

यह ठीक उस प्रकार ही है कि आप अपना जन्‍म दिन साल की किसी एक खास अंग्रेजी कैलेंडर की दिनांक को मनाते हैं और हर 365 दिन बाद वह पुन: उस ही दिनांक को आ जाता है । इस प्रकार हर साल 25 मई से लेकर 2 जून तक की 9 दिन की अवधि को नौतपा नाम दिया गया है ।

सारिका ने बताया कि हिन्‍दी कैलैंडर में तिथियां और महीना हर साल बदलता रहता है इस कारण इसके आधार पर मनाये जाने वाले दीपावली, होली जैसे त्‍यौहार की दिनांक बदलती रहती है लेकिन सूर्य की परिक्रमा करती पृथ्‍वी की स्थिति पर आधारित त्‍यौहार लगभग उस ही दिनांक को आ जाते हैं जैसे मकर सक्रांति , नवतपा आदि ।

सारिका ने बताया कि पहले चूंकि हिन्‍दी कैलेंडर ही प्रचलन में था और मई माह की गर्मी के बारे में सतर्क करने रोहिणी नक्षत्र पर आधारित नवतपा की धारण बताई गई होगी ताकि आमलोग गर्मी से बचाव के लिये तैयारी कर सकें ।

सारिका ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के इस दौर में गर्मी और नवतपा का सीधा संबंध कई बार नहीं देखा जाता है । इसके साथ ही यह जानना जरूरी है कि जिस प्रकार आप अपना जन्‍म दिन हर साल याद रखते हैं ठीक उस प्रकार ही याद रखें कि हर साल 25 मई से  2 जून की अवधि को नवतपा नाम दिया गया है ।

तो करें स्‍वागत मानसून के प्रवेश की सूचना के साथ नवतपा का ।



देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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