वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की काव्य गोष्ठी संपन्न
भोपाल । वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच की मध्यप्रदेश इकाई द्वारा आयोजित जून माह की काव्य गोष्ठी दिनांक 19 मई 2025 को ऑनलाइन संपन्न हुई l जिसमें हमारे मुख्य अतिथि कर्नाटक ईकाई के अध्यक्ष सूबेदार श्री रामस्वरूप कुशवाहा थे l कार्यक्रम की अध्यक्षता श्रीमती जया आर्य ने की l
आरंभ में श्रीमती मंगला योगी द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई l सबका स्वागत करते हुए कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती मृदुल त्यागी ने किया l
*मुख्य अतिथि श्री रामस्वरूप कुशवाहा जी ने अपना सारगर्भित उद्बोधन देते हुए कार्यक्रम की तारीफ की और सुंदर रचना शीर्षक सैनिक पर सुनाई बोल थे . चल दिए हैं लेकर काफिला या तो मारूंगा या मारा जाऊंगा ... l*
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही वरिष्ठ नागरिक *काव्य मंच की अध्यक्ष राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती जया आर्य ने सभी रचनाकारों की समीक्षात्मक टिप्पणी करते हुएअपनी एक सुंदर रचना प्रस्तुत की*..जिसमें उन्होंने एक शहीद फौजी के पिता की मन की बात प्रस्तुत की "डगमगा रहा हूं तो क्या सबकी लाठी बन जाऊंगा, शौर्य वीर का पिता हूं मैं, हार नहीं कभी मानूंगा ढोलक डमरू बजाकर ही सबको मै पुकारूंगा? मैं पुकारूंगा आओ मिलकर भारत माता की शान में जीवन दाव पर लगा दें हम....- " l
गोष्ठी में लगभग 15 रचनाकारों ने सहभागिता की व सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की वंदना गुप्ता- अमलतास के फूल..की खुशबू फैलाई.., कुमकुम सिंह की हो सके तो आ जाना मिलने कभी-कभी..., सुनीता केसवानी "आजकल जंगल कंक्रीट बनता जा रहा".एक पथिक की करुण कहानी प्रस्तुत की..., करुणा दयाल-वीर सैनिक ..., आदित्य हरी गुप्ता- प्रेम गीत प्रस्तुत किया" तुम अगर मेरे पास हो तो पवन की आस जगाऊं..., नमिता सेन गुप्ता -नन्हा बीज और उसके विशाल वृक्ष की बात कही..., रुखसाना बानो- अमर नहीं है हम..फिर भी बारिशों के पीछे भागते है., मृदुल त्यागी- पथिक...., उषा चतुर्वेदी- धरोहर..., प्रदीप गर्ग- पहेली आधारित माहिया, व गजल ..., आदि रचनाकारों ने सुंदर रचनाएं प्रस्तुत की l
अंत में कार्यक्रम का आभार श्रीमती सुनीता केसवानी ने व्यक्त किया और सौहाद्र पूर्ण वातावरण में काव्य गोष्ठी संपन्न हुई।
जया आर्य