लोकमाता देवी अहिल्या बाई की जन्म त्रिशताब्दी एवं महिला सम्मान समारोह का आयोजन किया गया
लखनऊ । लोकमाता देवी अहिल्या बाई की जन्म त्रिशताब्दी एवं महिला सम्मान समारोह का आयोजन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के सभागार में अवध प्रान्त की कृष्णा नगर शाखा के आतिथ्य में किया गया।इस समारोह की मुख्य अतिथि माननीया श्रीमती बेबी रानी मौर्य महिला कल्याण बालविकास पुष्टाहार मंत्री , उ०प्र० सरकार,विशिष्ट अतिथि प्रो राजकुमार मित्तल कुलपति ,प्रो मनीष वर्मा विभागाध्यक्ष बाबा साहेब अंबेडकर विश्वविद्यालय तथा श्री विक्रांत खंडेलवाल क्षेत्रीय संगठन मंत्री भारत विकास परिषद थे। लखनऊ स्थित मनकामेश्वर मंदिर की महंत आदरणीया लीला गिरि तथा बुद्धेश्वर मंदिर की महंत आदरणीया दिव्या गिरि की पावन उपस्थिति ने कार्यक्रम की शोभा और बढ़ा दी।कार्यक्रम का शुभारंभ भारतमाता एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्रों पर पुष्प अर्पण ,दीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रगीत वंदेमातरम के गायन से हुआ। मुख्य अतिथि ,विशिष्ट अतिथियों एवं मंचासीन व्यक्तियों का परिचय श्री देवेन्द्र स्वरूप शुक्ला प्रांतीय अध्यक्ष द्वारा कराया गया।सभी अतिथियों का स्वागत. श्रीदेवेंद्र शुक्ला प्रांतीय अध्यक्ष ,श्री शशि कान्त सक्सेना प्रांतीय महासचिव, डॉ संजीव अवस्थी शाखाध्यक्ष कृष्णानगर,श्री शशिप्रकाश सिंह सचिव कृष्णानगर शाखा द्वारा पुष्प गुच्छ ,अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया।
इस गरिमामयी समारोह का उद्देश्य समाज के विविध क्षेत्रों में अनुकरणीय कार्य करने वाली उन महिलाओं को सम्मानित करना था, जो लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर से प्रेरित होकर समाज के विभिन्न स्तरों पर समाजोत्थान में अपना योगदान दे रही हैं
इस अवसर पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री विक्रांत खंडेलवाल जी द्वारा लोक माता अहिल्या बाई के जीवन पर विस्तृत प्रकाश डाला गया।श्री विक्रांत खंडेलवालजी ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर का जीवन भारतीय इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय है। किस प्रकार से एक छोटे परिवार एवं गांव की साधारण बेटी ने अपने जीवन में असाधारण सफलता प्राप्त कर के एक कुशल प्रशासक की भूमिका का निर्वाह किया। उन्होंने बद्रीनाथ से रामेश्वरम तक और द्वारिका से जगन्नाथपुरी तक क्षतिग्रस्त मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया और खंडित तीर्थ परंपराओं को पुनर्जीवित किया। इसी कारण उन्हें ‘पुण्यश्लोका’ की उपाधि प्राप्त हुई।इस अवसर पर श्री विक्रांत खंडेलवाल जी ने भारत विकास परिषद अवध प्रांत और बाबासाहेब अंबेडकर केंद्रीय विश्विद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से 50 विद्यार्थियों को लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर के नाम से प्रतिवर्ष ₹ 11000/की छात्रवृत्ति देने के निर्णय की घोषणा की।इसके लिए शाखाओं एवं समाज के सहयोग से ₹05.00लाख का एक फंड बनाया जाएगा।
मुख्य अतिथि श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने लोकमाता अहिल्या बाई के जीवन दर्शन से प्रेरणा लेने का आव्हान किया।उन्होंने उनकी न्याय प्रियता का भी उल्लेख किया।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने लोकमाता अहिल्याबाई के जीवन और उनके कार्यों से प्रेरणा लेने एवं उनका अनुपालन करने का आह्वान किया। समारोह में बड़ी संख्या में सभी शाखाओं के सदस्यों ने भाग लिया।
समारोह में दोनों महंत समेत लगभग 40 विशिष्ट महिलाओं को सम्मानित किया गया। ये सभी महिलाएं धर्म, समाज सेवा, शिक्षा, संस्कृति और लोककल्याण के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य कर रही हैं।
समारोह का समापन राष्ट्रगान के गायन से हुआ।