लोकार्पण सह सम्मान समारोह में पावस-कविताओं की फुहारें
रांची । श्री साहित्य कुंज की मासिक गोष्ठी में विश्ववाणी संस्थान अभियान (जबलपुर ) के साझा बहुभाषीय-संग्रह "चंद्र विजय अभियान" का लोकार्पण राँची स्थित सर्जनी अपॉटमेंट में वरिष्ठ साहित्यकार निरंजन प्रसाद श्रीवास्तव के कर कमलों से हुआ। भारत की बावन भाषा /बोलियों में संग्रहित इस काव्य संकलन की संकल्पना के जनक व संपादक आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' है। इस संग्रह में संकलित चाँद के वैज्ञानिक व आध्यात्मिक महत्व की कविताओं का साहित्यक विश्लेषण करते हुए आयोजन की अध्यक्षता कर रहें श्री निरंजन प्रसाद ने श्री रामधारी सिंह दिनकर की रचना "चाँद का कुर्ता" और माधव मुक्तिबोध की कविता "चाँद का मुँह टेढ़ा" पढ़कर साहित्यिक विचार मंथन को सभी के समक्ष रखा। आयोजन में मुख्य अतिथि उर्मिला सिन्हा ने इस संग्रह को बड़ी उपलब्धि बताते हुए। सभी सम्मिलित रचनाकारों को बधाई दी। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि गीता चौबे 'गूँज' जो बेगलुरु से राँची आई हुई हैं, उन्होंने विश्ववाणी संस्थान अभियान के विषय में सभी को अवगत कराया और उसकी उपलब्धियों को सभी के समक्ष रखा। विशिष्ट अतिथि के रूप में रूणा रश्मि ने चंद्र विजय अभियान को एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर संग्रह के रचनाकारों में मनीषा सहाय /हिमकर श्याम/गीता चौबे गूँज/पुष्पा पांडेय/नीता शेखर/निर्मला कर्ण/सिम्मी नाथ को सम्मान पत्र पुस्तक व दुपट्टा से सम्मानित भी किया गया। आयोजन का संचालन भावना अम्बष्ठा व बिंदु प्रसाद ने किया व सरस्वती वंदना मधुमिता साहा ने की। धन्यवाद ज्ञापन नीता शेखर ने किया।
भीगे-भीगे मौसम में सभी ने काव्य की सुगंधित रसधारा का प्रवाह भी किया । किसी ने बूँदो के सफर को सजाया तो किसी ने भोले बाबा को याद किया।