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गुरू पूर्णिमा पर्व पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद सागर द्वारा व्यास जयंती समारोह आयोजित किया गया


 गुरू पूर्णिमा पर्व पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद सागर द्वारा व्यास जयंती समारोह आयोजित किया गया

सागर।  गुरू पूर्णिमा पर्व पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद सागर द्वारा व्यास जयंती समारोह आयोजित किया गया। परिषद के संभागीय अध्यक्ष प्रभात कुमार कटारे ने स्वागत भाषण में मानव जीवन के पाँच गुरूओ की जरूरत वा उपयोगिता पर बात रखते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष भाषाविद् एवं व्याकरण मनीषी टीकाराम त्रिपाठी,वरिष्ठ साहित्यकार वृंदावन राय सरल तथा मुख्य वक्ता आचार्य पंडित महेशदत्त त्रिपाठी अध्यक्ष अखिल भारतीय साहित्य सृजन मंच का स्वागत किया। प्राँत कोषाध्यक्ष डाॅ.वंदना गुप्ता ने अतिथियो का स्वागत किया। मुख्य वक्ता आचार्य महेशदत्त त्रिपाठी ने कबीर साहेब के गुरू रामानंद का जिक्र करते हुए बताया कि जुलाहा होने पर गुरू द्वारा शिष्य ना बनाये जाने पर कबीर कैसे उनके शिष्य बनें और राम के निर्गुण ब्रह्म स्वरूप को उन्होंने अपने साहित्य से उजागर किया। कबीर साहेब ने गुरू वा हरि की महिमा को प्रतिपादित करते हुए अनेको साखियाँ प्रस्तुत की हैं। अतिथि सरल जी ने वर्तमान संदर्भ में गुरू की महिमा बतायी और अपने जीवन काल के गुरूओ का जिक्र किया। अध्यक्षीय भाषण में भाषाविद् टीकाराम त्रिपाठी ने गुरूओ की महिमा विवेकानंद के गुरू रामकृष्ण परमहंस तथा तुलसी वा कबीर दास के गुरूओ और उनके परिष्कृत साहित्य पर बात रखी।गीतॠषि श्री डाॅ.श्याम मनोहर सिरोठिया ने गुरू परंपरा को जीवन का श्रेष्ठतम सोपान बताया वा नवीनतम गीत सुनाया।कार्यक्रम के दूसरे चरण में काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। सरस्वती वंदना का पाठ  मुकेश कुमार तिवारी ने किया तथा कवियों डाॅ.श्याम मनोहर सिरोठिया,डाॅ.एम के खरे,क्रांति जबलपुरी,देवीसिंह राजपूत, प्रभात कुमार कटारे,डाॅ.वंदना गुप्ता,कवयित्री ज्योति दीक्षित,पुष्पेन्द्र दुबे कुमार सागर आदि ने काव्यपाठकिया,सुचारू संचालन डाॅ.नलिन निर्मल ने रचना पाठ के साथ किया। कार्यक्रम में पधारने पर कवियों वा श्रोताओ का आभार संस्था सचिव ज्योति दीक्षित ने माना। श्रोताओ में डाॅ.विमल जैन,अमित यादव,डाॅ.आस्था जैन,सुषमा जैन आदि पूरे समय उपस्थित रहे।

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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