व्यावहारिक शिक्षा के साथ साथ शिक्षा में भारतीयता का समावेश हो
दिल्ली । व्यास पूजा समारोह का आयोजन भारतीय शिक्षण मंडल प्रांत दक्षिण दिल्ली एवं गलगोटिया विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में यह उत्सव 28 जुलाई को मनाया गया कार्यक्रम का प्रारंभ ध्येय मंत्र एवं ध्येय वाक्य से हुआ तत्पश्चात सरस्वती माता और भारत माता का पूजन तथा दीप प्रज्वलन के साथ ही कार्यक्रम प्रारंभ हुआ साथ ही डॉ भावना शुक्ल ने भारतीय शिक्षण मंडल का परिचय देते हुए कार्यक्रम का प्रारंभ किया.
मुख्य वक्ता के तौर पर डॉ दीनदयाल जी,जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज दिल्ली से उपस्थित रहे. आपने अपनी वक्तव्य में व्यास पूजा गुरु का महत्व तथा"मां ही पहली गुरू होती है। हमें गुरू घंटालों से बचना होगा। व्यावहारिक शिक्षा के साथ साथ शिक्षा में भारतीयता का समावेश हो।" प्रेरणात्मक वक्तव्य दिया. गलगोटिया विश्वविद्यालय के गरिमामय व्यक्तित्व उप कुलपति डॉ अवधेश कुमार जी ने संस्कार और संस्कृति के संदर्भ में सुन्दर संदेश दिया तथा हिंदी एवं संस्कृत के प्रयोग करने वाले व्यक्ति को ज्ञान में कम आंकना गलतफहमी है।
भारतीय शिक्षण मंडल के उपस्थित सदस्य कार्यक्रम का संचालन डॉ. भावना शुक्ला और डॉ.नेहा सिंह ने किया इस आयोजन की आयोजन डॉ. पूजा गुप्ता और विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ मनुराज जी द्वारा की गई. भारतीय शिक्षण मंडल से उपस्थित जाकर हुसैन महाविद्यालय की से डॉ रितु अग्रवाल, ग्रामीण मुक्त विद्यालय की निदेशक डॉ रितु शर्मा ,विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं शिक्षक समुदाय शामिल हुआ। कार्यक्रम का समापन कल्याण मंत्र के साथ हुआ.