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काव्य : स्त्री - आयत खान , प्रयागराज

 


 काव्य : 

स्त्री 


स्त्री ही शिव है,

स्त्री ही शक्ति

स्त्री ही माता

स्त्री ही साथी ।


स्त्री ही सुख है,

स्त्री ही शांति

स्त्री है गुरु भी

स्त्री ही देवी ।


स्त्री ही आज है,

स्त्री ही कल

स्त्री की आस्था ,नहीं है अचल।


स्त्री ही जग है,

स्त्री ही भविष्य

स्त्री से युक्त है ये दुनिया सारी।


स्त्री है एक पहेली,

स्त्री ही एक कहानी 

स्त्री एक प्रश्न है

स्त्री ही उत्तर भी।

                

       ~ आयत खान , प्रयागराज

      @ स्वरचित

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

1 Comments

  1. स्त्री 👌🏻👌🏻👌🏻 के अस्तित्व की एक अनंत रेखा है यह कविता

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