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महिला काव्य मंच ने हिन्दी दिवस विशेष काव्य गोष्ठी का आयोजन किया


महिला काव्य मंच ने हिन्दी दिवस विशेष काव्य गोष्ठी का आयोजन किया

हैदराबाद। अंतरराष्ट्रीय महिला काव्य मंच, आंध्र-प्रदेश इकाई द्वारा हिन्दी सप्ताह के अन्तर्गत तृतीय मासिक काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। अध्यक्ष सरिता सुराणा ने काव्य गोष्ठी में उपस्थित सभी कवयित्रियों का हार्दिक स्वागत एवं अभिनन्दन किया और मकाम के उद्देश्यों के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदान की। 

श्रीमती रिमझिम झा ने अपने मधुर स्वरों में सरस्वती वन्दना प्रस्तुत की। 

तत्पश्चात् आर्या झा ने हिन्दी दिवस से सम्बन्धित कविता और अन्य रचनाओं का पाठ किया। वरिष्ठ गीतकार श्रीमती विनीता शर्मा ने अपने अंदाज में अपने मुक्तक और गीतों की प्रस्तुति से उपस्थित सभी कवयित्रियों को भावविभोर कर दिया। उनकी रचनाओं के भाव और शब्द चयन लाजवाब थे। उन्होंने यादों की परतों के पीछे कोई अपना बिछुड़ गया है और दर्द का अनुवाद शब्दों में नहीं होता, जैसी संवेदनशील रचनाओं का पाठ किया। महिला काव्य मंच के संस्थापक और चेयरमैन नरेश नाज़ और सब कवयित्रियों ने मुक्त कंठ से उनके काव्य पाठ की प्रशंसा की। अमिता श्रीवास्तव ने हिन्दी भाषा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए अपनी रचना प्रस्तुत की। नरेश नाज़ ने महिला काव्य मंच के गठन से लेकर अब तक की गतिविधियों के बारे में विस्तार से बताया और आंध्र-प्रदेश इकाई को अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने अपनी रचना - अगर देश में हिन्दी भाषा का सम्मान नहीं होगा/तो फिर हिन्दुस्तान यक़ीनन हिन्दुस्तान नहीं होगा, का पाठ करके सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। रिमझिम झा ने कहा कि जिस दिन हिन्दी के लिए दो दबाएं की जगह सीधे हिन्दी में बात कर सकेंगे, उस दिन असली हिन्दी दिवस होगा। उन्होंने इसी विषय पर अपनी रचना प्रस्तुत की। 

इस गोष्ठी में औरंगाबाद इकाई मकाम की अध्यक्ष मनवीन कौर पाहवा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। उन्होंने - यदि तुम छू सको किसी की वेदना.... प्रस्तुत करके सबको भावुक कर दिया। मकाम की राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मंजू रुस्तगी ने मुख्य अतिथि की भूमिका निभाई। उन्होंने हिन्दी भाषा से सम्बन्धित रचना - संस्कृत की मैं आत्मजा और अन्य कविताओं का वाचन किया और सभी कवयित्रियों के शानदार काव्य पाठ की सराहना की। 

अंत में सरिता सुराणा ने अध्यक्षीय टिप्पणी देते हुए सभी की रचनाओं की विविधता और उत्कृष्टता हेतु सभी को बधाई दी। उन्होंने हिन्दी दिवस पर अपनी दो रचनाओं का पाठ किया- मेरा आचार है हिन्दी, मेरा व्यवहार है हिन्दी और खाते हिन्दी की है और गुण अंग्रेजी के गाते हैं जैसी सशक्त रचनाओं का पाठ किया। आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि आप सबकी गरिमामयी उपस्थिति ने गोष्ठी में चार चाँद लगा दिए। आप सबने अपना अमूल्य समय प्रदान किया और एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाएं प्रस्तुत की, उसके लिए आप सभी धन्यवाद की पात्र हैं। उन्होंने मकाम के चेयरमैन नरेश नाज़ सर का विशेष आभार व्यक्त किया, जिन्होंने व्यस्तता के बावजूद गोष्ठी में अपनी गरिमामयी उपस्थिति और आशीर्वचन प्रदान किया।


रिपोर्ट 

सरिता सुराणा

अध्यक्ष 

अंतरराष्ट्रीय महिला काव्य मंच 

आंध्र-प्रदेश

देवेन्द्र सोनी नर्मदांचल के वरिष्ठ पत्रकार तथा युवा प्रवर्तक के प्रधान सम्पादक है। साथ ही साहित्यिक पत्रिका मानसरोवर एवं स्वर्ण विहार के प्रधान संपादक के रूप में भी उनकी अपनी अलग पहचान है। Click to More Detail About Editor Devendra soni

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