इटारसी में रामलीला का भव्य शुभारंभ, पहले दिन नारद मोह का मंचन
इटारसी। नवरात्रि पर्व के अवसर पर इटारसी में नगरपालिका परिषद के तत्वावधान में आज से गांधी मैदान और वीर सावरकर मैदान, पुरानी इटारसी में रामलीला मंचन की शुरुआत हुई। पहले दिन की लीला का शुभारंभ 'नारद मोह' प्रसंग के साथ किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दो स्थानों पर मंचन गांधी मैदान : यहां उत्तर प्रदेश के वृंदावनधाम से आई श्री बालकृष्ण लीला संस्था के कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। वीर सावरकर मैदान, पुरानी इटारसी : इस स्थान पर सतना के श्री जगदंबा मंडल के कलाकार मंचन कर रहे हैं। गांधी मैदान और वीर सावरकर मैदान में रामलीला का शुभारंभ नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पंकज चौरे, उनकी पत्नी श्रीमती निधि चौरे, नगर पालिका उपाध्यक्ष निर्मल सिंह राजपूत, सीएमओ श्रीमती ऋतु मेहरा, भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष राहुल चौरे, पार्षद राहुल प्रधान, पार्षद प्रतिनिधि राजकुमार बावरिया, नगर पालिका के कार्यालय अधीक्षक राजेन्द्र शर्मा, कमलकांत बडग़ोती ने भगवान गणेश, हनुमान जी और नारायण जी का पूजन कर किया। मंचन का सार-संक्षेप (नारद मोह) आज के मंचन में कलाकारों ने नारद जी के घमंड को चूर करने की कथा का सुंदर चित्रण किया। कहानी में दिखाया गया कि नारद जी की घोर तपस्या से इंद्र का सिंहासन हिलने लगता है। इंद्र, कामदेव को भेजकर उनकी तपस्या भंग करने का प्रयास करते हैं, लेकिन असफल रहते हैं। इस सफलता से नारद जी को घमंड हो जाता है। नारद जी का घमंड तोडऩे के लिए भगवान विष्णु, शीलनगरी का निर्माण करते हैं और नारद को वानर का रूप दे देते हैं, जिसे वह 'हरि' समझ लेते हैं। जब नारद इसी रूप में राजकुमारी के स्वयंवर में जाते हैं, तो उनका उपहास होता है। इससे उन्हें अपनी गलती का एहसास होता है और उनका घमंड दूर हो जाता है। इस प्रकार, कलाकारों ने पहले दिन के मंचन से यह संदेश दिया कि अहंकार अंतत: व्यक्ति को हास्य का पात्र बनाता है। रामलीला का यह मंचन आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा, जिसमें भगवान राम के जीवन के विभिन्न प्रसंगों को दर्शाया जाएगा।