काव्यपाठ एवं वाल्मिकी जी पर चर्चा की गई
खण्डवा । अखिल भारतीय साहित्य परिषद ,तहसील इकाई के तत्वाधान में वाल्मीकी एवं शरदोत्सव को लेकर प्रणाम सीटी में काव्यपाठ एवं वाल्मिकी जी पर चर्चा की गई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुनील चौरे "उपमन्यु" हास्य व्यंग्यकार ने की । मुख्य अतिथि डॉ अजय बामने ,(सहायक प्राध्यापक,धुलकोट )रहे ।
विशिष्ट अतिथि-सब इंस्पेक्टर कमलसिंह दसौंदी एवं विपिन साध समाजसेवी रहे।
अतिथियो द्वारा माँ शारदा के छाया चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया ।
पश्चात तहसील इकाई अध्यक्ष दीपक चॉकरे ,नरेंद्र सिंह सोलंकी, अवधराज सिंह ठाकुर ने अतिथियो एवं कवियों का पुष्पहार से स्वागत किया । वही दीपक चाकरे ने स्वागत भाषण देते हुए श्रृंगार रस पर रचना सुना शरदोत्सव को साकार किया।
संदीप खरे ,कृष्णकुमार व्यास एवं महेश मूलचंदानी ने पैरोडी एवं भजन प्रस्तुत किया।
विश्वास पांचाल एवं सत्येंद्र सोहनी ने कविता एवं गीत प्रस्तुत किया जिसे सराहा गया।
कमलसिंह दसौंधी ने लोकभाषा निमाड़ी में माँ शारदा की आराधना की। जो सराही गयी ।
वही विपिन साध ने भी अपने उद्बोधन के साथ काव्यपाठ किया ।
तारकेश्वर चौरे ने भी शानदार रचना सुनाई ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुनील उपमन्यु ने कहा कि वल्मीकि का पूर्व इतिहास क्या रहा ,यह गौर करने वाली बात नही । किन्तु जैसे ही प्रभू कृपा हुई वह रामायण के रचयिता हो गए । साथ ही संस्कृत साहित्य के जनक हो गए ।
इस अवसर पर उपमन्यु ने शानदार रचना "तू मेरा चंदू ,मैं तेरी चांदनी" सुनाई।
मुख्य अतिथि अजय बामने ने कहा कि मुझे इतनी ऊंची आसंदी पर बिठा दिया । मैं तो ज्यादा करके जाजम पर बैठने वालों में से हूं। बामने ने अपनी शानदार छोटी छोटी तीन कविताएं सुना कर कार्यक्रम को गरिमामयी बना दिया ।
कार्यक्रम का संचालन सत्येंद्र सोहनी ने किया ।आभार दीपक चाकरे ने माना ।