कलार समाज सरायपाली ने मनाई ईष्टदेव भगवान सहस्त्रबाहु की जयंती
सरायपाली । कलार समाज सरायपाली में समाज के ईष्टदेव भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की जयंती धूमधाम से मनाई गई।सर्वप्रथम आमंत्रित अतिथियों ने कार्यक्रम स्थल में दीप दीप जलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।तत्पश्चात कलार समाज के माता बहनों के द्वारा भव्य महाआरती गीत के साथ कार्यक्रम का आगाज हुआ।इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलार समाज के पूर्व अध्यक्ष सुंदर लाल जायसवाल सक्ती,अध्यक्षता राधेश्याम डडसेना संरक्षक कलार समाज,विशिष्ट अतिथि श्रीमती सीता टंकेश्वर जायसवाल परिक्षेत्र अध्यक्ष ,अरुण जायसवाल उपाध्यक्ष,भोलानाथ जायसवाल,महेश जायसवाल,नंदकिशोर सिन्हा,लालमन प्रधान,सुभाष प्रधान पूर्व पार्षद और विदित धनानिया अधिवक्ता उपस्थित रहे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुन्दर लाल जायसवाल ने कहा कि भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन और माता बहादुर कलारिन का इतिहास गौरवशाली है जिस पर हम समाज के लोगों को गर्व है। अध्यक्षता कर रहे संरक्षक राधेश्याम जायसवाल ने कहा कि हमें समाज की एकजुटता दिखानी होगी।विशेष आमंत्रित सदस्य नंदकिशोर सिन्हा सबइंस्पेक्टर सरायपाली ने कहा कि कलार समाज आर्थिक सामाजिक और राजनैतिक दृष्टि से मजबूत है परंतु कहीं न कहीं हमारा संगठनात्मक ढांचा कमजोर है। हमें अपने लोगों की बुराई, छांटने के बजाय उनके एक अच्छाई को ग्रहण करनी चाहिए जितना लाभ हमारे समाज को राजनैतिक क्षेत्र में मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है।हम सबमें एकता दिखाना ढृढ़ इच्छा शक्ति को प्रकट करना चाहिए है जिससे समाज मजबूत हो।अध्यक्ष सीता टंकेश्वर जायसवाल ने कहा कि हमें अपने पूर्वजों से मिले संस्कृति और संस्कार को महत्व दिया जाना चाहिए जिससे आने वाली नई पीढ़ी संस्कारवान, गुणवान और धनवान बन सके। उन्होंने कहा कि समाज के होनहार युवाओं में प्रतिभा निखार आए सदा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।चाहे शिक्षा चिकित्सा या अन्य क्षेत्रों के कठिन परिस्थितियों में उन्हें मदद करनी चाहिए।
इस अवसर पर चक्रधर डडसेना पूर्व अध्यक्ष,टंकेश्वर जायसवाल,शहर अध्यक्ष रसिक जायसवाल, उपाध्यक्ष विजय जायसवाल,सचिव सोनू जायसवाल,सहसचिव खगेश डडसेना,दामोदर डडसेना,पवन डडसेना, शिवा जायसवाल,संजय डडसेना,राजेंद्र जायसवाल,प्रदीप डडसेना, सोनाबाई डडसेना,नवीन कुमारी,आस्था डडसेना,खुशबू जायसवाल,रीता डडसेना,निर्मला जायसवाल,कंचन जायसवाल, मोंगरा डडसेना,जानकी जायसवाल,धनेश्वरी डडसेना, सेतमति डडसेना,मधु डडसेना,पद्मा जायसवाल के साथ सभी स्वजातीय बंधु बांधव उपस्थित रहे।कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार शिक्षक सुंदर लाल डडसेना मधुर ने किया।आभार प्रदर्शन व्याख्याता टंकेश्वर जायसवाल ने किया।
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